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सांस्कृतिक गरिमा बनाए रखने पर जोर
भुवनेश्वर। इस साल के खंडगिरि मेले में जात्रा के दौरान किसी भी प्रकार के अश्लील नृत्य पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह निर्णय मंगलवार को आयोजकों, जात्रा समिति के सदस्यों और स्थानीय पुलिस अधिकारियों के बीच खंडगिरि थाने में हुई बैठक के दौरान लिया गया।
यह कदम उन शिकायतों के बाद उठाया गया है, जिनमें कुछ नृत्यों को ओड़िया संस्कृति के प्रति अपमानजनक बताया गया था। बैठक में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि मेले की सांस्कृतिक गरिमा को बनाए रखने के लिए सख्त दिशानिर्देश लागू किए जाएंगे।
माघ सप्तमी से शुरू हो रहे इस मेले में 12 जात्रा मंडलियां भाग लेंगी, जिन पर यह नियम लागू होगा। आयोजकों ने मेले को अनुशासित तरीके से आयोजित करने की योजना बनाई है और इसके लिए मेले में स्वयंसेवकों की तैनाती की जाएगी।
सनातन सेवा समिति के अध्यक्ष बनम्बर हातुआ ने कहा कि जात्रा प्रदर्शनों में अश्लील नृत्यों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय सभी ने सर्वसम्मति से समर्थन किया है। यह कदम समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए आवश्यक था। अश्लील नृत्य जत्रा की गुणवत्ता को खराब कर रहे थे, जिसे अब पूरी तरह रोका जाएगा।
जात्रा कलाकारों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। एक कलाकार ने कहा कि हम शुरू से ही अश्लील नृत्यों के खिलाफ थे। प्रशासन से हमारी अपील है कि पूरे ओडिशा में जात्रा मंचों पर ऐसे नृत्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। यह जिम्मेदारी जात्रा पार्टी मालिकों और समिति के सदस्यों की भी है।
हालांकि, जात्रा कलाकार रानी प्रियदर्शिनी ने कहा कि अश्लीलता पर रोक लगनी चाहिए, लेकिन अगर आइटम डांस गरिमा के साथ किए जाएं तो उन्हें प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए।
यह पहल खंडगिरि मेला को ओड़िया सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बनाने और लोगों को जिम्मेदारी और सम्मान के साथ उत्सव में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का प्रयास है।