-
कहा- आईटी पेशेवरों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाई है अपनी पहचान
भुवनेश्वर। ओडिशा में स्वास्थ्य के अलावा आईटी क्षेत्र के विकास की अपार संभावनाएं हैं। आईटी पेशेवरों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। अब समय आ गया है, जब ओडिशा को एक विशाल आईटी हब में बदलने के लिए कदम उठाए जाएं।
केन्द्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा को आने वाले वर्षों में प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) हब बनाने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का ऐलान करते हुए उक्त बातें कहीं।
वैष्णव ने ओडिशा के आईटी पेशेवरों की अपार क्षमता और प्रतिभा को रेखांकित करते हुए बताया कि उन्होंने विभिन्न आईटी सेक्टरों को ओडिशा में अवसरों का लाभ उठाने के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया है। दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के लिए केन्द्र और ओडिशा सरकार के बीच हुए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान उन्होंने यह बातें कही।
मंत्री ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और मुख्य सचिव के साथ इस क्षेत्र में तकनीकी प्रमुखता प्राप्त करने के लिए रणनीतिक कदमों पर विचार-विमर्श की शुरुआत की जानकारी दी। उनके मुताबिक, इस योजना में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बड़े शैक्षिक निवेश किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ओडिशा में चार शैक्षिक संस्थान सेमीकंडक्टर शिक्षा शुरू कर रहे हैं और इस पहल को पांच अन्य कॉलेजों में विस्तार देने की योजना है, जिससे क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक उन्नति की क्षमता बढ़ेगी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में वैष्णव ने राज्य के रेलवे क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि 73,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं, जो ओडिशा की लॉजिस्टिक क्षमता को मजबूत करेंगी और समग्र आर्थिक विकास में योगदान करेंगी।
वैष्णव ने कहा कि कुछ महीने पहले ओडिशा के लोगों ने प्रगति की दिशा में एक साहसिक कदम उठाया और डबल इंजन सरकार के लिए मतदान किया। केंद्र ने कई पहलों की शुरुआत की है और हाल ही में भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किया गया, जहां प्रतिनिधि राज्य की आतिथ्य और विकास के अवसरों से मंत्रमुग्ध हो गए।