-
ओडिशा वन विभाग करेगा गतिविधियों को ट्रैक
भुवनेश्वर। ओडिशा वन विभाग ने पहली बार फ्लेमिंगो पक्षियों की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए सौर ऊर्जा से संचालित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाए हैं। यह पहल पक्षियों के प्रवास और उनके व्यवहार को समझने के उद्देश्य से की गई है।
शनिवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) प्रेम कुमार झा ने इस परियोजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो ग्रेटर फ्लेमिंगो को चिलिका झील में ट्रैकर्स से लैस किया गया। झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर फ्लेमिंगो की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि पहली बार, ओडिशा वन्यजीव संगठन और भारतीय वन्यजीव संस्थान के नेतृत्व में डॉ सुरेश कुमार द्वारा नलबाना, चिलिका में 2 ग्रेटर फ्लेमिंगो पर सौर ऊर्जा आधारित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाया गया है। यह ट्रैकर इन अद्भुत पक्षियों की गतिविधियों और प्रवास के मार्गों पर नजर रखेगा।
चिलिका झील है प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग
भारत के पूर्वी तट पर स्थित चिलिका झील प्रवासी पक्षियों का एक महत्वपूर्ण आवास है। यहां हर साल बड़ी संख्या में फ्लेमिंगो आते हैं। इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य उनके प्रवास मार्ग और व्यवहार को बेहतर ढंग से समझना है।
सौर ऊर्जा आधारित ट्रैकर्स की विशेषताएं
यह ट्रैकर जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और जीएसएम (ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन्स) तकनीक को जोड़ता है, जिससे रियल-टाइम डेटा प्राप्त किया जा सकता है।
यह तकनीक वन विभाग को इन पक्षियों के यात्रा मार्ग और उनके गंतव्यों का सटीक विश्लेषण करने में मदद करेगी, जिससे पक्षियों के संरक्षण के लिए बेहतर रणनीतियां तैयार की जा सकेंगी।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम
यह पहल न केवल प्रवासी पक्षियों के संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि चिलिका झील और इसके पर्यावरण के महत्व को भी रेखांकित करेगी। ओडिशा वन विभाग की यह पहल पक्षी संरक्षण और पर्यावरणीय अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
Indo Asian Times । Hindi News Portal । इण्डो एशियन टाइम्स,। हिन्दी न्यूज । न रूकेगा, ना झुकेगा।।
