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प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में राज्य की विशेषताओं को गिनाया
भुवनेश्वर। ओडिशा सांस्कृतिक भव्यता, प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई है। प्रवासी भारतीय ओडिशा में आयें और सांस्कृतिक भव्यता, प्राकृतिक सुंदरता को अनुभव करें। प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) के 18वें सम्मेलन में प्रवासी भारतीय समुदाय के विशिष्ट प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने ये बातें कहीं।
दुनियाभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने उनकी मातृभूमि भारत से गहरे संबंध और भारतीय मूल्यों और उपलब्धियों के प्रति उनकी भूमिका के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज ओडिशा वैश्विक भारतीय समुदाय को न केवल अपनी कालातीत विरासत की झलक दिखाता है, बल्कि अपने उज्ज्वल भविष्य का एक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत करता है।
माझी ने कहा कि ओडिशा जगन्नाथ संस्कृति की भूमि है, जहां विविधता और भक्ति सह-अस्तित्व में हैं। उन्होंने कोणार्क के सूर्य मंदिर और पुरी के जगन्नाथ मंदिर जैसे प्रतिष्ठित स्थलों को राज्य की समृद्ध परंपराओं का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि ओडिशी नृत्य, पट्ट चित्र कला और संबलपुरी हथकरघा जैसे सांस्कृतिक खजानें विश्व भर में आज भी लोगों को मंत्रमुग्ध करते हैं।
राज्य की सांस्कृतिक पहचान से परे, मुख्यमंत्री माझी ने ओडिशा की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने चिल्का झील, सिमिलिपाल के जंगल और पुरी व चांदीपुर के शांत समुद्र तटों का उल्लेख करते हुए दर्शकों को ओडिशा की प्रकृति और संस्कृति के सामंजस्य को अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया।
माझी ने ओडिशा को एक वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में भी प्रस्तुत किया। उन्होंने राज्य के खनिज संसाधनों, निवेशक-अनुकूल नीतियों और तेजी से विकसित हो रहे आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा और कृषि-प्रसंस्करण क्षेत्रों पर जोर दिया।
प्रवासी भारतीयों को “विश्व के लिए भारत के राजदूत” कहते हुए माझी ने उन्हें ओडिशा के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोदय विजन के तहत ओडिशा की भूमिका पर जोर दिया, जिसका उद्देश्य पूर्वी भारत की संभावनाओं को उजागर करना है। उन्होंने उद्यमियों और निवेशकों को ओडिशा के अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया।
अपने संबोधन के अंत में मुख्यमंत्री माझी ने प्रवासी भारतीयों को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर 2047 तक विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन को साकार कर सकते हैं।