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सांस्कृतिक धरोहर और मनोरंजन का संगम
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस से पहले भुवनेश्वर में पथ उत्सव की वापसी हुई। सड़कों पर रविवार को फिर से जीवंतता का अनुभव हुआ। रंगारंग स्ट्रीट फेस्टिवल ‘पथ उत्सव’ की वापसी हुई। प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियों के बीच इस उत्सव ने राजधानी में रंग और खुशियों की बहार ला दी।
राजधानी स्थित मास्टर कैंटीन चौक से राम मंदिर तक आयोजित इस उत्सव में पारंपरिक नृत्य, संगीत, खेल गतिविधियों और कलात्मक प्रदर्शनों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्थानीय कलाकारों ने सड़कों को अद्भुत चित्रों और रंगोली डिजाइनों से सजाया, जबकि 3डी स्ट्रीट आर्ट इंस्टॉलेशन ने आगंतुकों की कल्पनाओं को जीवंत कर दिया।
भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन
यह आयोजन भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन करते हुए प्रवासी भारतीय समुदाय के वैश्विक योगदान को सम्मानित करने का प्रयास है। आयोजकों का उद्देश्य स्थानीय निवासियों और प्रवासी भारतीय आगंतुकों के बीच सामुदायिक भावना और साझा पहचान को बढ़ावा देना है।
मनोरंजन और विश्राम का मेल
मेयर सुलोचना दास ने कहा कि यह उत्सव हमारे नीरस जीवन में ताजगी लाता है। ऑफिस के काम के दबाव में लोग अपनी जिंदगी को भूल जाते हैं। सर्द सुबह में नृत्य, संगीत, चित्रकारी जैसी गतिविधियां सबको खुशहाल और तरोताजा करेंगी। हमारा उद्देश्य भुवनेश्वरवासियों के जीवन में खुशियां लाना है।
इसी तरह, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि पथ उत्सव प्रवासी भारतीय दिवस के मेहमानों और पर्यटकों के मनोरंजन के लिए शुरू किया गया है। लेकिन हर रविवार को लोगों के लिए आराम और आनंद का दिन होना चाहिए। मैंने विभाग से अनुरोध किया है कि हर रविवार पथ उत्सव आयोजित किया जाए ताकि भुवनेश्वर के निवासियों के जीवन में रंग भरे जा सकें।
आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र
उत्सव में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। यह न केवल मनोरंजन और कलात्मकता का मेल है, बल्कि भारत के वैश्विक संबंधों को भी दर्शाता है। पथ उत्सव ने सर्दियों की सुबह में भुवनेश्वरवासियों को खुशियां और उल्लास देने का काम किया है।