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कृषि आधारभूत संरचना को मजबूत करने के प्रयास शुरू – मुख्यमंत्री

  • पिछली सरकार पर साधा निशाना

  • कहा- ओडिशा में कृषि की आधारभूत संरचना अत्यंत कमजोर

  • कृषि ओडिशा 2025 का भव्य उद्घाटन

भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज कहा कि कृषि आधारभूत संरचना को मजबूत करने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले दो दशकों में केवल चावल को छोड़कर अन्य कृषि उत्पादों में हम आत्मनिर्भर नहीं हो पाए हैं। आलू, प्याज, टमाटर जैसे विभिन्न उपभोग्य पदार्थों और मछली, अंडे के लिए हमें बाहरी राज्यों पर निर्भर रहना पड़ा है। मैं दृढ़ता से कह सकता हूं कि यदि उत्तम योजनाओं और इच्छाशक्ति का अधिक उपयोग किया गया होता, तो कृषि से संबंधित कई समस्याओं का समाधान हो सकता था। ओडिशा में कृषि की आधारभूत संरचना अत्यंत कमजोर है। इसलिए, हमारी सरकार प्राथमिकता के आधार पर कृषि आधारभूत संरचना को मजबूत करने के प्रयास शुरू कर चुकी है। शीतल भंडारण, मॉडल मंडी और गोदाम निर्माण, कृषि उपकरणों की उपलब्धता पर हमारी सरकार ध्यान दे रही है।
आज स्थानीय बरमुंडा मैदान में तीन दिवसीय कृषि ओडिशा-2025 कार्यक्रम का भव्य उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बिन मौसम बारिश के कारण किसानों को व्यापक नुकसान हुआ है। आप सुनिश्चित रहें, सरकार हमेशा आपके साथ है और रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इनपुट सब्सिडी के अलावा, सरकार अन्य प्रकार की सहायता देने पर विचार कर रही है। हमारी सरकार हमेशा किसानों के साथ है और उनके कल्याण के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रही है। मुझे उम्मीद है कि हमारे ये कदम आपके नुकसान की भरपाई करने के साथ-साथ भविष्य में किसानों में विश्वास का निर्माण करेंगे। इसके साथ ही रबी फसल के लिए जो भी आवश्यक होगा, सरकार हर प्रकार की सहायता प्रदान करेगी। इस पर आपको कोई संकोच नहीं करना चाहिए।
आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य के लगभग 70 प्रतिशत लोग कृषि और संबंधित क्षेत्रों में काम करके अपना जीवन यापन करते हैं। इसलिए जहां इतने लोग एक व्यवसाय में काम करते हैं, उनका विकास करना और उनके सुख-दुख में खड़ा होना किसी भी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। कोविड महामारी के दौरान केवल किसान ही देश की अर्थव्यवस्था को बचाए रखते हुए सभी को भोजन प्रदान कर रहे थे। इस महान कार्य के लिए सभी किसान बंधुओं को धन्यवाद और प्रशंसा दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि ओडिशा 2025 का मुख्य विषय है “चिरंतन खाद्य प्रणाली के लिए एक प्रयास”। उन्होंने कहा कि यदि हमारी खाद्य प्रणाली चिरंतन या स्थिर होती है, तो हमारे नागरिकों को कभी भी खाद्य संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा और पर्यावरण पर भी कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमें आर्थिक दक्षता की अपेक्षा जीवन दक्षता या लाइफ स्किल्स पर अधिक ध्यान देना होगा। कृषि केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि माटी, पानी, हवा और इसके ऊपर जीवन के लिए निर्भर सभी तत्वों के प्रति हमें सतर्क और जिम्मेदार होना चाहिए। इस प्रकार हमारे किसानों की आर्थिक स्थिति हमेशा मजबूत रहेगी।
सरकार और विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं तथा किसान संगठनों के सहयोग से ओडिशा में स्थाई खाद्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य जारी है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और अतिथियों ने राज्य के 10 सफल किसानों और 9 उद्यान कृषि किसानों को सम्मानित किया। विभाग की ओर से प्रकाशित ‘अमल उत्कल’ पुस्तक और इमेजर की आधिकारिक वेबसाइट का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री ने किया।
उपमुख्यमंत्री एवं कृषि एवं किसान सशक्तिकरण मंत्री कनक बर्धन सिंहदेव ने कहा कि चुनावी वचन के अनुसार हम राज्य के किसानों को क्विंटल के हिसाब से 2300 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त इनपुट सहायता 800 रुपये प्रदान कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के आलू पर जो महंगाई देखी जा रही है, हम राज्य में किसानों को उन्नत आलू बीज उपलब्ध करा रहे हैं। राज्य में 58 शीतल भंडारों की स्थापना की जाएगी। राज्य के किसान केवल धान पर निर्भर न रहें, इसके लिए नई तकनीक के उपयोग से अन्य फसलों की खेती करने की सलाह दी गई है।
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पूजारी ने कहा कि ओडिशा में क्विंटल पर आधारित धान का न्यूनतम सहायक मूल्य 3100 रुपये दिया जा रहा है। भारत वर्ष में किसी भी अन्य राज्य में इतने उच्च मूल्य की सहायता नहीं दी जा रही है। प्राकृतिक आपदाओं के बाद राज्य प्रशासन द्वारा तत्काल क्षति आकलन किया जाता है और सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। बिन मौसम बारिश से नुकसानग्रस्त किसानों के लिए राज्य सरकार आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। हमारा लक्ष्य 2036 तक ओडिशा कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है। हम इसी लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं।
मुख्य शासन सचिव मनोज आहुजा ने कहा कि सरकार कृषि और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

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