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कुल धनराशि में से 408.7 करोड़ केंद्र से और 268 करोड़ राज्य सरकार से मिलेंगे
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ओडिशा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बुनियादी ढांचे को मिलेगी मजबूती – सूरज
भुवनेश्वर। केंद्रीय सरकार ने ओडिशा को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के तहत 676.7 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने आज लोक सेवा भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस कुल धनराशि में से 408.7 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलेंगे, जबकि 268 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि इस फंड का उद्देश्य ओडिशा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, मानव संसाधन विकास, अनुसंधान और कौशल निर्माण पहलों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, यह योजना छात्रों के लिए रोजगार योग्य शिक्षा को बढ़ावा देने का भी लक्ष्य रखती है।
यह धनराशि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की तीसरी परियोजना स्वीकृति बोर्ड की बैठक के निर्णयों के आधार पर आवंटित की गई है। ओडिशा के विश्वविद्यालय और कॉलेज इस फंड का उपयोग स्मार्ट क्लासरूम, प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर लैब, अकादमिक भवन और पुस्तकालय स्थापित करने के लिए करेंगे। इसके अतिरिक्त, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को समर्थन देने के लिए उन्नत अनुसंधान बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
यह आवंटन पांच प्रमुख श्रेणियों में हुआ है। पहला मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) श्रेणी के तहत चार विश्वविद्यालयों को 100-100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। दूसरा विश्वविद्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए श्रेणी के तहत पांच विश्वविद्यालयों को 20-20 करोड़ रुपये मिलेंगे। कॉलेजों को सुदृढ़ करने के लिए श्रेणी के तहत 24 कॉलेजों को 5-5 करोड़ रुपये को मिलेंगे। लिंग समावेशन और समानता पहल के तहत पांच जिलों को 10-10 करोड़ रुपये मिलेंगे। प्रबंधन, निगरानी, मूल्यांकन और अनुसंधान (एमएमईआर) के लिए 6.7 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
एमईआरयू पहल के तहत प्रमुख लाभार्थियों में रवींद्रनाथ विश्वविद्यालय, ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय, महाराजा श्रीराम चंद्र भंज देव विश्वविद्यालय और संबलपुर विश्वविद्यालय शामिल हैं।
मंत्री सूरज ने यह भी बताया कि योजना में विशेष रूप से आकांक्षात्मक जिलों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और बेहतर बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि योजना में समावेशी शिक्षा पर जोर दिया गया है, ताकि कोई भी छात्र, चाहे वह महिला हो या विकलांग छात्र, पीछे न रहे। इसके साथ ही, कौशल विकास, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और रोजगार क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिससे छात्रों को बेहतर करियर के अवसर मिल सकें।
योजना के तहत परियोजनाओं की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी, जिससे कॉलेज और विश्वविद्यालय नैक मान्यता प्राप्त कर सकें। यह पहल ओडिशा में उच्च शिक्षा के लिए मजबूत आधार बनाने और छात्रों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने की उम्मीद करती है।
उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने आज लोक सेवा भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस कुल धनराशि में से 408.7 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलेंगे, जबकि 268 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि इस फंड का उद्देश्य ओडिशा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, मानव संसाधन विकास, अनुसंधान और कौशल निर्माण पहलों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, यह योजना छात्रों के लिए रोजगार योग्य शिक्षा को बढ़ावा देने का भी लक्ष्य रखती है।
यह धनराशि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की तीसरी परियोजना स्वीकृति बोर्ड की बैठक के निर्णयों के आधार पर आवंटित की गई है। ओडिशा के विश्वविद्यालय और कॉलेज इस फंड का उपयोग स्मार्ट क्लासरूम, प्रयोगशालाएं, कंप्यूटर लैब, अकादमिक भवन और पुस्तकालय स्थापित करने के लिए करेंगे। इसके अतिरिक्त, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को समर्थन देने के लिए उन्नत अनुसंधान बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
यह आवंटन पांच प्रमुख श्रेणियों में हुआ है। पहला मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) श्रेणी के तहत चार विश्वविद्यालयों को 100-100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। दूसरा विश्वविद्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए श्रेणी के तहत पांच विश्वविद्यालयों को 20-20 करोड़ रुपये मिलेंगे। कॉलेजों को सुदृढ़ करने के लिए श्रेणी के तहत 24 कॉलेजों को 5-5 करोड़ रुपये को मिलेंगे। लिंग समावेशन और समानता पहल के तहत पांच जिलों को 10-10 करोड़ रुपये मिलेंगे। प्रबंधन, निगरानी, मूल्यांकन और अनुसंधान (एमएमईआर) के लिए 6.7 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
एमईआरयू पहल के तहत प्रमुख लाभार्थियों में रवींद्रनाथ विश्वविद्यालय, ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय, महाराजा श्रीराम चंद्र भंज देव विश्वविद्यालय और संबलपुर विश्वविद्यालय शामिल हैं।
मंत्री सूरज ने यह भी बताया कि योजना में विशेष रूप से आकांक्षात्मक जिलों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और बेहतर बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि योजना में समावेशी शिक्षा पर जोर दिया गया है, ताकि कोई भी छात्र, चाहे वह महिला हो या विकलांग छात्र, पीछे न रहे। इसके साथ ही, कौशल विकास, आत्मरक्षा प्रशिक्षण और रोजगार क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिससे छात्रों को बेहतर करियर के अवसर मिल सकें।
योजना के तहत परियोजनाओं की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी, जिससे कॉलेज और विश्वविद्यालय नैक मान्यता प्राप्त कर सकें। यह पहल ओडिशा में उच्च शिक्षा के लिए मजबूत आधार बनाने और छात्रों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने की उम्मीद करती है।