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राहुल गांधी ने ट्वीट कर उठाया मुद्दा
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बीजद और कांग्रेस ने आरोपी महिलाओं का लिया पक्ष
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भाजपा ने कहा- ऐसी घटनाएं अस्वीकार्य, इसे राजनीतिक रंग देना उचित नहीं
बालेश्वर। धर्म परिवर्तन के प्रयास को लेकर बालेश्वर जिले के रेमुणा थाना क्षेत्र के गोवर्धनपुर गांव में दो महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीति गरमा गई है। घटना 26 दिसंबर की बताई जा रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर ट्वीट कर इस मुद्दे को उठाया और इसके बाद बीजद और कांग्रेस नेताओं ने महिलाओं के साथ हुए व्यवहार को लेकर कड़ी आलोचना की, वहीं भाजपा ने धर्म परिवर्तन की घटना को निंदनीय बताते हुए घटना को राजनीतिक रंग न देने की अपील की।
खबरों के मुताबिक, कुछ लोग, जो कथित तौर पर एक विशेष धर्म से जुड़े थे, धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से गोवर्धनपुर गांव पहुंचे। इससे गांव के लोगों के बीच विवाद पैदा हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि दो महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटा गया।
इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस विडियो को ट्विट किया। इधर, कांग्रेस नेता संतोष सिंह सलूजा ने कहा कि दो आदिवासी महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटा गया। क्या यह आदिवासियों पर अत्याचार नहीं है?
पूर्व ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने घटना की निंदा करते हुए पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया।
वहीं, बीजद की नेता लेखाश्री सामंतसिंहार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति को दर्शाती है।
इधर, भाजपा नेता उमाकांत महापात्र ने कांग्रेस और बीजद पर पलटवार करते हुए कहा कि यह घटना अस्वीकार्य है और निंदनीय है। इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देना सही नहीं है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। भाजपा सरकार में किसी को न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा।
हमले के मामले में 4 गिरफ्तार
दो आदिवासी महिलाओं को पेड़ से बांधकर सार्वजनिक रूप से पीटने के मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, घटना का मुख्य आरोपी बादल पंडा भी गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल है।
पूर्वी रेंज के डीआईजी डॉ सत्यजीत नायक ने बताया कि 29 दिसंबर को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि चौथे आरोपी को सोमवार रात पकड़ा गया। सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। डीआईजी नायक ने कहा कि पुलिस ने मामले में सख्त कार्रवाई की है और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट
घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की जाए। आयोग ने तीन दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
दो मामले दर्ज
महिलाओं को पेड़ से बांधने और पीटने वालों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, महिलाओं पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में ओडिशा फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट, 1967 और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।