-
मां ने आरोपों से किया इनकार
-
कहा-आर्थिक तंगी के कारण नि:संतान दंपति को दान किया
बालेश्वर। बालेश्वर जिले के बस्ता इलाके के एक दंपति पर अपने नौ दिन के नवजात बेटे को मयूरभंज जिले के उदला स्थित सैनकुला गांव के नि:संतान दंपति को 60,000 रुपये में बेचने और उस रकम से बाइक खरीदने का आरोप लगा है।
हालांकि, दंपति ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने बच्चे को आर्थिक तंगी के कारण नि:संतान दंपति को दान दिया है, न कि पैसों के लिये।
सूचना के आधार पर पुलिस और बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक संयुक्त टीम ने उदला जाकर बच्चे को शनिवार को बचा लिया।
बाल कल्याण समिति के सदस्य मनमोहन प्रधान ने मीडिया को दिये गये बयान में कहा है कि हमें बच्चे की बिक्री की सूचना मिली थी। इसके बाद हमने पुलिस के साथ मिलकर उस दंपति का पता लगाया, जिसने बच्चे को लिया था। बच्चे को बचाकर सुरक्षित हमारी कस्टडी में रखा गया है।
बच्चे की मां शांति पात्र ने मीडिया को दिये गये बयान में आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैंने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन गरीबी के कारण मैं उसे पालने में असमर्थ हूं। इसलिए मैंने बच्चे को एक नि:संतान दंपति को दान कर दिया। मैंने अपने बच्चे को बेचा नहीं है।
दोनों परिवारों का खरीद-बिक्री से इनकार
इस मामले में बच्चे को लेने वाले दंपति और उनके रिश्तेदारों ने स्वीकार किया कि उन्होंने बच्चे को बिना किसी पैसे के लिया है। वहीं, नवजात के जैविक माता-पिता ने भी दावा किया कि उन्होंने बच्चे की बिक्री नहीं की और पैसे नहीं लिये।
पूछताछ के लिए परिवार तलब
आरोप है कि बच्चे के जैविक पिता ने नवजात को 60,000 रुपये में बेचा और उस पैसे से एक मोटरसाइकिल खरीदी। सीडब्ल्यूसी ने बच्चे को बेचने और खरीदने वाले दोनों परिवारों को जांच के लिए बुलाया है।