-
30 दिसंबर तक मुआवजा मूल्यांकन पूरा करने का निर्णय
भुवनेश्वर। ओडिशा में असमय बारिश से फसलों को हुए नुकसान के आकलन के बाद प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलेगा। इसके लिए ओडिशा सरकार ने शनिवार को प्रभावित किसानों की पहचान और फसल नुकसान का आकलन 30 दिसंबर तक पूरा करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया। बैठक में उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव, मुख्य सचिव मनोज आहूजा समेत अन्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोई भी प्रभावित किसान सरकारी सहायता से वंचित न रहे।
डीबीटी के जरिए मिलेगा मुआवजा
सरकारी सूत्रों के अनुसार, जिन किसानों की धान, सब्जी और पान जैसी फसलें बर्बाद हुई हैं, उन्हें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा। प्रभावित किसानों की पहचान 30 दिसंबर तक की जाएगी।
कृषि बीमा के तहत आवेदन करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 से 28 दिसंबर के बीच दो चरणों में हुई असमय बारिश ने खरीफ फसल कटाई के दौरान व्यापक नुकसान किया है। जो किसान बीमा योजना के तहत कवर हैं, वे समय सीमा से पहले फसल नुकसान की रिपोर्ट दें।
14447 पर शिकायत दर्ज करने की सलाह
अब तक 1.26 लाख से अधिक किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे के लिए आवेदन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान के साथ-साथ पान और सब्जी उगाने वाले किसानों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे कृषि विभाग के ‘कृषि रक्षक ऐप’ या विभाग के टोल फ्री नंबर 14447 पर फसल नुकसान की जानकारी दें।
सभी प्रभावित किसानों को मिलेगी वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रभावित किसानों को उनकी फसल बर्बादी के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। नुकसान के आकलन के बाद राज्य और केंद्र सरकार के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। बीमा कंपनियों के साथ चर्चा के आधार पर राज्य सरकार आगे की आवश्यक कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया। बैठक में उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव, मुख्य सचिव मनोज आहूजा समेत अन्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोई भी प्रभावित किसान सरकारी सहायता से वंचित न रहे।
डीबीटी के जरिए मिलेगा मुआवजा
सरकारी सूत्रों के अनुसार, जिन किसानों की धान, सब्जी और पान जैसी फसलें बर्बाद हुई हैं, उन्हें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा। प्रभावित किसानों की पहचान 30 दिसंबर तक की जाएगी।
कृषि बीमा के तहत आवेदन करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 से 28 दिसंबर के बीच दो चरणों में हुई असमय बारिश ने खरीफ फसल कटाई के दौरान व्यापक नुकसान किया है। जो किसान बीमा योजना के तहत कवर हैं, वे समय सीमा से पहले फसल नुकसान की रिपोर्ट दें।
14447 पर शिकायत दर्ज करने की सलाह
अब तक 1.26 लाख से अधिक किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे के लिए आवेदन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान के साथ-साथ पान और सब्जी उगाने वाले किसानों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे कृषि विभाग के ‘कृषि रक्षक ऐप’ या विभाग के टोल फ्री नंबर 14447 पर फसल नुकसान की जानकारी दें।
सभी प्रभावित किसानों को मिलेगी वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रभावित किसानों को उनकी फसल बर्बादी के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। नुकसान के आकलन के बाद राज्य और केंद्र सरकार के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। बीमा कंपनियों के साथ चर्चा के आधार पर राज्य सरकार आगे की आवश्यक कार्रवाई करेगी।