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भविष्य में राज्य सरकार की ‘राज्य डेटा नीति’ लाने की योजना

  • राज्य कौशल और सहायक विकास नीति के कार्यों की हुई समीक्षा

  • उच्चस्तरीय संचालन समिति की दूसरी बैठक आयोजित

भुवनेश्वर। राज्य सरकार भविष्य में एक ‘राज्य डेटा नीति’ लाने की योजना बना रही है। इसके लिए ओडिशा राज्य कौशल और सहायक विकास नीति कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा के लिए दूसरी उच्चस्तरीय संचालन समिति की बैठक विकास आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव अनु गर्ग की अध्यक्षता में लोकसेवा भवन स्थित सभागार में आयोजित की गई।
इस बैठक में इस परियोजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। इस योजना के तहत विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों का डेटा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी विभाग के तहत ओडिशा कंप्यूटर एप्लिकेशन सेंटर द्वारा अपडेट किया जा रहा है। इससे राज्य में सभी पात्र लाभार्थियों को सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए मजबूत व्यवस्था की जाएगी।
इसके अलावा इस परियोजना के माध्यम से राज्य योजना एवं समन्वय विभाग के अंतर्गत आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा राज्य की सांख्यिकीय व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य जारी है। इसी तरह, ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से आपदा प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है, ताकि संभावित नुकसान को कम किया जा सके और समय पर चेतावनी प्रणाली स्थापित की जा सके।
वित्त विभाग नोडल विभाग
विश्व बैंक के सहयोग से कार्यान्वित इस परियोजना की निगरानी के लिए राज्य सरकार का वित्त विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य कर रहा है। जुलाई 2023 से शुरू हुई यह परियोजना अप्रैल 2028 तक चलेगी। इस परियोजना के लिए कुल बजट 1183 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जिसमें राज्य सरकार का योगदान 387 करोड़ रुपये है।
योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सटीक डेटा आवश्यक
बैठक के दौरान, उन्नयन आयुक्त गर्ग ने कहा कि यह परियोजना एक महत्वपूर्ण पहल है। जनकल्याण योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सटीक डेटा का होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग तरीके से डेटा संग्रह किया जा रहा है, जिसे इस परियोजना के माध्यम से समन्वित किया जाएगा।
राज्य सरकार भविष्य में एक ‘राज्य डेटा नीति’ लाने की योजना बना रही है। इस परियोजना के कार्यान्वयन में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल होंगे, कितनी प्रगति हुई है और कार्य मानकों का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा। इन सभी पहलुओं की समीक्षा के लिए विकास आयुक्त ने संबंधित विभागों और संस्थानों को निर्देश दिए हैं। बैठक में संचालन समिति के सदस्य, वित्त विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, योजना एवं समन्वय विभाग, कृषि एवं कृषक सशक्तिकरण विभाग, पंचायत राज एवं पेयजल विभाग, ओएसडीएमए और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे और उन्होंने चर्चा में भाग लिया।

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