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गंजाम में एक किसान ने की आत्महत्या
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केंद्रापड़ा में दिल का दौरा पड़ने से अन्य एक किसान की मौत
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फसलों के लिए दोनों ने लिया था कर्ज
ब्रह्मपुर/केंद्रापड़ा। हाल ही में हुई असमय बारिश के कारण फसलों को हुई हानि ने दो किसानों की जान ले ली है। दो ताजी घटनाओं में से गंजाम जिले में एक किसान ने आत्महत्या की, जबकि दूसरी घटना में केंद्रापड़ा में एक किसान को क्षतिग्रस्त फसलों को देखने के बाद दिल का दौरा पड़ा।
गंजाम जिले के छत्रपुर ब्लॉक के बड़माधापुर के बारंग गांव की है, जहां एक किसान ने पांच एकड़ जमीन पर फसल उगाई थी। इसके लिए उसने 2 लाख रुपये का कर्ज लिया था। असमय बारिश के कारण फसल के नुकसान को देखकर वह मानसिक रूप से टूट गया और उसने आत्महत्या का कदम उठाया।
छत्रपुर तहसीलदार ने कहा कि जांच जारी है। उप-कलेक्टर ने कहा है कि मृतक परिवार को उचित मुआवजा और रेड क्रॉस फंड से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
दूसरी घटना केंद्रापड़ा जिले के डेराबिश ब्लॉक के संथपुरा गांव से आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, संथपुरा गांव के निवासी भवग्राही मल्लिक ने सात एकड़ भूमि पर फसल उगाई थी और लाखों रुपये का निवेश किया था। गुरुवार को वह अपनी फसल की स्थिति देखने खेत गए थे और वहां उन्होंने फसल को पानी में बर्बाद होते देखा।
घर लौटने के बाद मल्लिक को बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत हुई। परिवार के सदस्य उन्हें तुरंत ऑटो-रिक्शा में अस्पताल लेकर गए, लेकिन रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतक किसान के भाई विनोद मल्लिक ने कहा कि वह सुबह अपनी धान की फसल देखने खेत गए थे। घर लौटते वक्त उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी। अस्पताल में डॉक्टर ने कहा कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। मुझे लगता है कि फसल देखकर वह मानसिक रूप से टूट गए थे।
मृतक किसान की बहन ने कहा कि असमय बारिश ने मेरे भाई का परिवार बर्बाद कर दिया है। खेत में खड़ी पानी में धान देखकर उन्हें दिल का दौरा पड़ा। घर लौटने पर उन्हें सीने में दर्द हुआ।
मृतक किसान की बेटी ने आंसू बहाते हुए बताया कि मेरे पिता खेत में गए थे, जहां उनकी कटाई की हुई धान पानी में पड़ी हुई थी। घर लौटने के बाद उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की। अस्पताल जाते समय उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टर ने हमें वापस ले जाने को कहा। उन्होंने फसल उगाने के लिए मां के नाम पर कुछ कर्ज लिया था।
केंद्रापड़ा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नीलू महापात्र ने कहा कि हमारा मुख्य ध्यान फसल के नुकसान पर है। तहसीलदार और कृषि अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और किसानों और ग्रामीण समुदाय के सदस्यों की मौजूदगी में स्थिति का मूल्यांकन करेंगे। इसके बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे एसआरसी को भेजा जाएगा।