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आईआईटी मद्रास के साथ हुआ समझौता
भुवनेश्वर। ओडिशा समुद्री परिप्रेक्ष्य योजना (ओएमपीपी) की तैयारी के लिए बंदरगाह एवं अंतर्देशीय जल परिवहन निदेशालय और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र फॉर पोर्ट्स, जलमार्ग और तट (एनटीसीपीडब्ल्यूसी), आईआईटी मद्रास के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। वाणिज्य और परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती उषा पाढी की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने इस योजना की आवश्यकता को रेखांकित किया और इस संदर्भ में आयोजित उद्घाटन बैठक में सभी हितधारकों का स्वागत किया।
इस बैठक का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों से सुझाव और प्रतिक्रिया प्राप्त करना था, जिनमें संबंधित सरकारी विभागों के प्रतिनिधि, परिवहन और लॉजिस्टिक्स विशेषज्ञ, समुद्री विशेषज्ञ, बंदरगाह संचालक, और बोट ओनर्स एसोसिएशन शामिल थे, ताकि जमीनी स्तर की चिंताओं, मुद्दों और आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
एनटीसीपीडब्ल्यूसी, आईआईटी मद्रास के डीन, प्रो कंठराज मुरली ने प्रस्तावित ओएमपीपी के खंडों की एक प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की। प्रेजेंटेशन के बाद, सभी सदस्यों को प्रस्तावित योजना पर अपने सुझाव और दृष्टिकोण साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया। एनटीसीपीडब्ल्यूसी, आईआईटी मद्रास के अधिकारियों ने इन सुझावों को दस्तावेजीकरण किया ताकि आगे विचार-विमर्श किया जा सके।
सभी आमंत्रित सदस्यों को प्रतिक्रिया फॉर्म और एनटीसीपीडब्ल्यूसी, आईआईटी मद्रास द्वारा प्रस्तुत प्रेजेंटेशन की एक प्रति प्रदान की गई, ताकि वे अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव और विचार एनटीसीपीडब्ल्यूसी, आईआईटी मद्रास को भेज सकें, जिन्हें ओडिशा समुद्री परिप्रेक्ष्य योजना में शामिल किया जाएगा।