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दिव्यज्योत और भजन वर्षा ने माहौल को भक्तिमय बनाया
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित जयदुर्गानगर में बेंगानी परिवार के आवास पर मां संचिया की गोद विराजित सोहनलाल जी पितरसा महाराज का 21वां वार्षिकोत्सव भव्य आयोजन के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर दिव्यज्योत और भजन वर्षा ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत शाम 7 बजे हुई, जिसमें विभिन्न समाजों के विशिष्ट व्यक्तियों ने भाग लिया। आयोजन में नीलकमल बेंगानी, विमल बेंगानी और देवेश बेंगानी ने विशेष रूप से सक्रिय भूमिका निभाई। कोलकाता से आए वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश चंडालिया, नई दिल्ली से वरिष्ठ समाजसेवी कृपाल सिंह और सतपाल सिंह, भुवनेश्वर से वीरेंद्र बेताला, बच्छराज बेताला, मनोज ललानी, पारस सुराणा समेत काफी संख्या में अतिथियों की गरिमामयी उपस्थित ने आयोजन में चार-चांद लगाया।
इस दौरान युवा भजन गायक हरि शर्मा और जयंत वैद ने अपनी प्रस्तुतियों से मां को रिझाया और श्रद्धालुओं को भावविभोर किया।
भजनों की श्रंखला में “प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी” और “बिगड़ी मेरी बना दे ओ शेरा वाली मैया” जैसे मधुर भजनों ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। भजनों की गूंज और श्रद्धा से सराबोर माहौल ने सभी भक्तों के मन को गहराई से छू लिया।
कार्यक्रम के समापन पर प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने आनंदपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में प्रकाश चंडालिया ने आयोजक परिवार की तरफ से सभी का आभार प्रकट किया और कहा कि यह वार्षिकोत्सव हमारे परिवार और समाज के लिए भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। मां संचिया और श्री सोहनलाल जी पितरसा महाराज की कृपा से यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। हर साल यह आयोजन हमें अपने आराध्य और समाज के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है। श्रद्धालुओं की उपस्थिति और उनकी भक्ति ने इस अवसर को और भी खास बना दिया।
हमारा उद्देश्य केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे भक्ति, समर्पण और सामाजिक एकता का माध्यम बनाना है और आज यहां सभी समुदाय के लोगों की उपस्थिति ने इस आयोजन को सफल बनाया है। हर भक्त की उपस्थिति हमारे लिए मां का आशीर्वाद है।
भजन और दिव्यज्योत से भरा यह पावन अवसर हर दिल को मां की भक्ति में लीन कर देता है। यह आयोजन हमारी परंपरा और संस्कृति को जीवित रखने का एक प्रयास है।
इस वार्षिकोत्सव का हर क्षण मां की कृपा और भक्ति का एहसास कराता है। मैं सभी श्रद्धालुओं और अतिथियों का आभारी हूं, जिन्होंने इसे सफल बनाने में योगदान दिया।