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प्रवासी पक्षियों को बना रहा था शिकार
भुवनेश्वर। ओडिशा वन विभाग ने शनिवार को खुर्दा जिले में चिलिका झील के पास प्रवासी पक्षियों का शिकार करने के आरोप में एक बुजुर्ग व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
आरोपी की पहचान 75 वर्षीय अर्जुन घड़ेई के रूप में हुई है, जो बालिनाशी का निवासी है। वन विभाग की टीम ने उसे उस समय पकड़ा जब वह जहरीले पदार्थ से मारे गए प्रवासी पक्षियों के शव एकत्र कर रहा था।
आरोपी के पास से उत्तरी पिंटेल और सफेद स्तन वाले जलकुक्कुट पक्षी के शव बरामद हुए। यह दोनों वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-II के तहत संरक्षित प्रजातियां हैं।
आरोपी के पास से मृत पक्षियों के अलावा, एक हस्तनिर्मित भाला, जहर से युक्त लिली फूल के 15 टुकड़े और एक बैग जब्त किया गया। घटनास्थल बालिनाशी, कलुपदा के पास है, जहां वन विभाग की टीम सुबह की गश्त कर रही थी।
बताया गया है कि मृत पक्षियों के शवों का पोस्टमार्टम कर दफना दिया गया।
जहर के विश्लेषण के लिए पक्षियों के ऊतक फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे।
यह पिछले 15 दिनों में चिलिका झील में पक्षी शिकार का दूसरा मामला है। इससे पहले 23 नवंबर को मंगला जोड़ी के पास भारतीय स्पॉट-बिल बतख के दो शव मिले थे।
चिलिका वन्यजीव प्रभाग ने शिकार रोकने के लिए चौकसी बढ़ा दी है। 21 अस्थायी एंटी-शिकार शिविर स्थापित किए गए हैं।
नलबाना पक्षी अभयारण्य और टांगी रेंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हर साल हिमालय से परे उत्तरी यूरेशिया, कैस्पियन क्षेत्र, साइबेरिया और रूस के सुदूर इलाकों से लाखों प्रवासी पक्षी चिलिका झील में आते हैं। ये पक्षी मार्च के दूसरे सप्ताह में गर्मियों से पहले वापस लौट जाते हैं।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए जीरो-टॉलरेंस नीति अपनाई गई है।