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रोकथाम के लिए ओडिशा सरकार लाएगी सख्त कानून – कानून मंत्री
भुवनेश्वर। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा राज्य में सार्वजनिक रूप से बीफ के सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा के एक दिन बाद ओडिशा में भी गोहत्या बंद करने की कवायद तेज हो गयी है। राज्य के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने गोहत्या रोकथाम के लिए और अधिक सख्त कानून लाने के संकेत दिए।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत में हरिचंदन ने कहा कि हम जल्द ही गोहत्या रोकथाम के लिए सख्त कानून लाएंगे। सरकार इस पर शीघ्र निर्णय लेगी।
गो-संरक्षण के लिए सरकार के प्रयास
मत्स्य और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने बताया कि राज्य सरकार ने गायों की रक्षा, पशुधन बढ़ाने, मवेशियों की अवैध तस्करी और गोहत्या रोकने के उपायों पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अवैध परिवहन और गोहत्या में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त सजा की व्यवस्था करने की तैयारी कर रही है।
पुरानी और बीमार गायों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार संगठनों को गोशाला स्थापित करने के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
विपक्ष का विरोध, बीफ निर्यात प्रतिबंधित करने की मांग
बीजू जनता दल (बीजद) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं ने गोहत्या रोकने के लिए सख्त कानून लाने से पहले बीफ के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
बीजद नेता प्रमिला मल्लिक ने कहा कि सरकार को यह पता लगाना चाहिए कि बीफ का निर्यात क्यों हो रहा है और इसमें शामिल लोग किस पार्टी से जुड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक समुदाय पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ताराप्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि उनकी पार्टी इस कानून का विरोध नहीं करती, लेकिन सरकार को पहले बीफ के निर्यात पर रोक लगानी चाहिए।
गोहत्या कानून में संशोधन की तैयारी
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पहले कहा था कि सरकार ओडिशा गोहत्या रोकथाम अधिनियम, 1960 में संशोधन पर विचार कर रही है। यह अधिनियम राज्य में गायों और उनकी संतानों की हत्या पर प्रतिबंध लगाता है।
इस अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर दो साल तक की कठोर कैद, एक हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है।