Home / Odisha / राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्कल केसरी हरेकृष्ण महताब के योगदान को सराहा

राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्कल केसरी हरेकृष्ण महताब के योगदान को सराहा

  • कहा- महताब और अन्य नेताओं ने जेल को बना दिया था शिक्षा का केंद्र

  • प्रसिद्ध पुस्तक ओडिशा इतिहास जेल में ही लिखी

  • डाक टिकट और सिक्के का विमोचन

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को स्वतंत्रता सेनानी और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हरेकृष्ण महताब के स्वतंत्रता संग्राम, साहित्य और पत्रकारिता में योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने महताब को एक प्रेरणादायक नेता बताया जिनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में महताब की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने उनके जीवन और कार्यों को याद किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि राज्य में उत्कल केशरी के नाम से मशहूर महताब को महात्मा गांधी के आह्वान पर शुरू किए गए नमक सत्याग्रह में भाग लेने के लिए जेल में डाला गया था। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें अन्य राष्ट्रवादी नेताओं के साथ फिर से जेल में डाला गया। मुर्मू ने कहा कि अहमदनगर फोर्ट जेल में जहां उन्होंने लंबा समय बिताया, महताब और अन्य नेताओं ने जेल को एक शिक्षण केंद्र में बदल दिया।
राष्ट्रपति ने बताया कि अहमदनगर किले में कैद के दौरान महताब ने कई कविताएं, कहानियां और उपन्यास लिखे। उन्होंने प्रसिद्ध पुस्तक ओडिशा इतिहास की रचना भी जेल में ही की।
उन्होंने कहा कि महताब और अन्य नेताओं ने जेल को शिक्षा का केंद्र बना दिया था। उनकी साहित्यिक और पत्रकारिता से जुड़ी रचनाएं आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं। इस समारोह में समारोह के दौरान विशेष स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया गया।

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