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श्री जगन्नाथ संस्कृति परिषद का विरोध, परंपराओं की सुरक्षा की मांग
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कानून मंत्री ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
भुवनेश्वर। नुआपड़ा जिले के कोमना ब्लॉक के कोनाबिरा गांव में तीन दिन पहले हुई असमय रथयात्रा को लेकर श्री जगन्नाथ संस्कृति परिषद ने सोमवार को कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन से मुलाकात की। परिषद ने इस घटना पर गहरी आपत्ति जताई और इसे पुरी श्रीमंदिर की संस्कृति और परंपरा के खिलाफ बताया।
परिषद ने पहले भी अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा असमय रथयात्रा आयोजित करने के प्रयास का विरोध किया था। सदस्यों ने मांग की कि देवताओं के रथों को खींचने की असमय प्रथा को रोका जाए।
कानून मंत्री हरिचंदन ने आश्वासन दिया कि इस मामले को मंदिर प्रशासन के साथ उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अगले वर्ष से ऐसी असमय रथयात्राओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कम से कम ओडिशा में ऐसी घटनाएं न हों।
परिषद की अध्यक्ष संचित मोहंती ने कहा कि स्कंध पुराण में रथयात्रा के लिए एक विशिष्ट तिथि का उल्लेख है। हमने मंत्री से अनुरोध किया है कि भविष्य में ऐसी असमय रथयात्राओं को रोका जाए।
परिषद की 10 सदस्यीय टीम कोमना ब्लॉक के गांव का दौरा करेगी और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेगी। गौरतलब है कि हाल ही में 9 नवंबर को अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में इस्कॉन द्वारा आयोजित रथयात्रा के बाद कोनाबिरा गांव में भी रथयात्रा आयोजित की गई। इस दौरान पुराना बस्ती से नया बस्ती तक भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथ को स्थानीय लोगों द्वारा खींचा गया।
परिषद ने इस घटना को परंपराओं का उल्लंघन बताते हुए ऐसे आयोजनों पर सख्ती से रोक लगाने की मांग की है।
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