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विभिन्न विभागों से कुल 210 शोधार्थी ले रहे हैं भाग
बालेश्वर। फकीर मोहन विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केंद्र में आज से ‘अनुसंधान और प्रकाशन नैतिकता’ पर एक पांच दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया।
यह कार्यशाला 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के पीएचडी शोधार्थियों के लिए आयोजित की गई है। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से कुल 210 शोधार्थी भाग ले रहे हैं।
कार्यशाला के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संतोष कुमार त्रिपाठी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अनुसंधान में उच्च स्तरीय और ईमानदार भागीदारी की आवश्यकता होती है और इसमें उन लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है जो वास्तव में अनुसंधान में रुचि रखते हैं और सच्चे अनुसंधान के लिए समर्पित हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में केन्द्रीय विश्वविद्यालय कोरापुट के प्रो शरत कुमार पलिता ने कार्यशाला में कहा कि शोधार्थियों को अनुसंधान पद्धति और ‘अनुसंधान और प्रकाशन पद्धति’ के बारे में सामूहिक समझ प्रदान करना आवश्यक है, विशेष रूप से बुनियादी अनुसंधान के दृष्टिकोण से।
इस कार्यशाला में कुलपति प्रो त्रिपाठी के अलावा, विश्वविद्यालय के प्रो विष्णु प्रसाद दास, प्रो सच्चिदानंद देहुरी, प्रो पंकज कुमार पाढ़ी, डॉ भरतभूषण पटनायक, डॉ मनोजीत भट्टाचार्य, केंद्रीय ओडिशा विश्वविद्यालय के प्रो शरत कुमार पलिता, आईआईटी खड़गपुर के डॉ हेमंत कुमार दास, डॉ समीर कुमार जलाल और दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय के प्रो प्रताप कुमार मोहंती, प्रो अतनु कुमार पाटी, ओडिशा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष भी विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल होंगे। यह कार्यशाला 22 नवंबर को समाप्त होगी।