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हिरासत में उत्पीड़न मामले में गवाही दी
भुवनेश्वर। गुरुवार को भारतीय सेना के मेजर और उनकी मंगेतर ने भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में कथित हिरासत में उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष गवाही दी। इस मामले में आरोपी निलंबित इंस्पेक्टर-इन-चार्ज (आईआईसी) दिनाकृष्ण मिश्र और अन्य चार पुलिसकर्मी आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। उनकी ओर से उनके वकीलों ने प्रतिनिधित्व किया।
न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग ने सभी प्रतिवादियों को आज आयोग के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, मेजर और उनकी मंगेतर के कथित उत्पीड़न में शामिल सभी लोगों के वकील भी आयोग में मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार, आयोग के समक्ष आज कुल 16 व्यक्तियों को पेश होने के लिए बुलाया गया था। प्रतिवादियों को निर्देश दिया गया था कि वे या तो स्वयं या अपने कानूनी प्रतिनिधियों के माध्यम से अपना मामला प्रस्तुत करें।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले ओडिशा सरकार ने मेजर और उनकी मंगेतर के खिलाफ पुलिस हिरासत में कथित हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग से जांच का आदेश दिया था।
पुलिस स्टेशन में रोड रेज की एक घटना की शिकायत करने थाने में जाने के बाद पुलिस ने कथित तौर पर इस जोड़े को प्रताड़ित किया था। उनके मुद्दों को सुलझाने के बजाय, पुलिस ने कथित रूप से मेजर और उनकी मंगेतर को प्रताड़ित किया और बिना किसी उचित कारण के मंगेतर को जेल में भी डाल दिया।