-
महिला पुलिसकर्मी पर हमले के मामले में अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की
-
2023 में एक महिला पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मारने का आरोप
नई दिल्ली/भुवनेश्वर। ओडिशा के वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक जय नारायण मिश्र को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने महिला पुलिसकर्मी पर हमले के मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। मिश्र पर 2023 में एक महिला पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मारने का आरोप है।
न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने कहा कि नेतृत्व के पद पर बैठे लोगों को सार्वजनिक व्यवहार का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। इस बयान के साथ ही अदालत ने मिश्र की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
यह मामला पिछले साल 15 फरवरी का है, जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने संबलपुर कलेक्टरेट के पास कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। इस दौरान आरोप है कि संबलपुर विधायक मिश्र ने धनुपाली थाना की प्रभारी निरीक्षक अनितारानी प्रधान को थप्पड़ मारा।
प्रदर्शन के दौरान जब भाजपा कार्यकर्ता और नेता कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़ रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके कारण कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान मिश्र महिला पुलिस अधिकारी पर चिल्लाते और उन्हें थप्पड़ मारने की धमकी देते नजर आए। वीडियो में घटना के कई दृश्य सामने आए, लेकिन मिश्र ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि महिला अधिकारी ने ही उन पर हमला किया था।
इससे पहले, उड़ीसा हाईकोर्ट ने 16 नवंबर 2023 को इस मामले में मिश्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद भाजपा विधायक ने सुप्रीम कोर्ट में राहत के लिए अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट में मिश्रा के वकील ने तर्क दिया कि घटना दिनदहाड़े हुई थी और उसका वीडियो भी उपलब्ध है, इसलिए हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद मिश्र को अब कोई अंतरिम सुरक्षा नहीं मिलेगी, जो पहले अदालत द्वारा दी गई थी।