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खुलासे के बाद दुकानदारों में हड़कंप
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 100 और 200 रुपये के नकली नोटों का प्रचलन से दुकानदारों और निवासियों में हड़कंप मच गया है। यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक ग्रोसरी स्टोर मालिक नकली नोटों का शिकार हुआ।
बताया गया है कि नकली नोटों की गुणवत्ता इतनी सटीक है कि पहली नजर में यह असली और नकली में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। नंबर, गवर्नर का हस्ताक्षर, प्रिंट और सब कुछ सही है, लेकिन आरबीआई लोगो में अंतर है। नकली नोटों में आरबीआई लोगो में कोई चमक नहीं होती।
नकली नोटों का प्रसार 2016 के नोटबंदी के बावजूद एक गंभीर चुनौती बना हुआ है, जिसका एक प्रमुख उद्देश्य नोटों की नकल को समाप्त करना था।
मीडिया को दिए गए बयान में एक दुकानदार ने कहा कि कार्तिक माह के कारण कल मेरी दुकान पर भारी भीड़ थी। भीड़ का फायदा उठाकर किसी ने मुझे नकली नोट दे दिए। आज नोटों की जांच करने पर मुझे पता चला कि यह नकली थे। यह पहली बार नहीं हुआ है, मैं कई बार नकली नोटों का शिकार हो चुका हूं और उन्हें फेंक दिया।
उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं, मेरे एक दोस्त को भी ऐसे नकली नोट मिले। सिर्फ 100 और 200 रुपये के नोट ही नहीं, 10 और 20 रुपये के भी नकली नोट बाजार में चल रहे हैं। पुलिस को इन घिनौनी हरकतों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
एक और दुकानदार ने कहा कि हममें से अधिकांश ग्राहक सेवा में व्यस्त होते हैं और नोटों की सही जांच नहीं कर पाते। यह खासकर उन लोगों के लिए गंभीर समस्या है जो पार्ट-टाइम काम करके कुछ पैसे कमाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार को इस प्रकार के धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
बताया गया है कि नकली नोटों की गुणवत्ता इतनी सटीक है कि पहली नजर में यह असली और नकली में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। नंबर, गवर्नर का हस्ताक्षर, प्रिंट और सब कुछ सही है, लेकिन आरबीआई लोगो में अंतर है। नकली नोटों में आरबीआई लोगो में कोई चमक नहीं होती।
नकली नोटों का प्रसार 2016 के नोटबंदी के बावजूद एक गंभीर चुनौती बना हुआ है, जिसका एक प्रमुख उद्देश्य नोटों की नकल को समाप्त करना था।
मीडिया को दिए गए बयान में एक दुकानदार ने कहा कि कार्तिक माह के कारण कल मेरी दुकान पर भारी भीड़ थी। भीड़ का फायदा उठाकर किसी ने मुझे नकली नोट दे दिए। आज नोटों की जांच करने पर मुझे पता चला कि यह नकली थे। यह पहली बार नहीं हुआ है, मैं कई बार नकली नोटों का शिकार हो चुका हूं और उन्हें फेंक दिया।
उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं, मेरे एक दोस्त को भी ऐसे नकली नोट मिले। सिर्फ 100 और 200 रुपये के नोट ही नहीं, 10 और 20 रुपये के भी नकली नोट बाजार में चल रहे हैं। पुलिस को इन घिनौनी हरकतों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
एक और दुकानदार ने कहा कि हममें से अधिकांश ग्राहक सेवा में व्यस्त होते हैं और नोटों की सही जांच नहीं कर पाते। यह खासकर उन लोगों के लिए गंभीर समस्या है जो पार्ट-टाइम काम करके कुछ पैसे कमाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार को इस प्रकार के धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।