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सरकार के तबादलों पर कड़ी चेतावनी के बीच मिश्र ने दी प्रतिक्रिया
भुवनेश्वर। वरिष्ठ भाजपा नेता जय नारायण मिश्र ने कहा है कि जन प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में सक्षम अधिकारियों को रखने का अधिकार है।
ओडिशा सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों को तबादले और पोस्टिंग में प्रभाव डालने के प्रयासों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। सरकार ने कर्मचारियों को इस प्रकार के किसी भी सीधे या अप्रत्यक्ष प्रभाव से परहेज करने का निर्देश दिया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता जय नारायण मिश्र ने कहा कि सभी अधिकारी सुविधाजनक स्थानों पर पोस्टिंग चाहते हैं और सभी विधायक और सांसद अपने क्षेत्रों में अच्छे अधिकारियों को रखना चाहते हैं।
मिश्र ने कहा कि जन प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्रों में सक्षम अधिकारियों को रखने का अधिकार है। उन्होंने बीजद सरकार के दौरान प्रशासन में मनमानी का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा के कार्यकाल में ऐसी प्रथाओं को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि कोई राजनीतिक नेता किसी प्रकार का दबाव डाल रहा है या नहीं। सभी अधिकारी सुविधाजनक स्थान पर पोस्टिंग चाहते हैं। सरकार को यह तय करना चाहिए कि किसे कहाँ नियुक्त किया जाएगा। बीजद के समय, जन प्रतिनिधियों का योगदान नहीं था, और शायद वे अब ईर्ष्या कर रहे हैं।
मिश्र ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया है कि सांसदों और विधायकों को अपने क्षेत्रों में अच्छे अधिकारियों को रखने का अधिकार है। क्या मैं नहीं चाहूंगा कि ईमानदार अधिकारी मेरे क्षेत्र में आएं? एक विधायक अपने क्षेत्र में अच्छे और सक्षम अधिकारी की पोस्टिंग चाहेंगे और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
यह कोई नई प्रक्रिया नहीं – बीजद
इस पर बीजद ने कहा कि यह कोई नई प्रक्रिया नहीं है। बीजद विधायक ध्रुव साहू ने कहा कि जनता के हित के लिए सरकारी कार्यों को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। इसमें कुछ भी नया नहीं है।
भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देना चाहिए – कांग्रेस
वहीं कांग्रेस ने सत्तारूढ़ दल पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए चेताया कि ऐसे बयानों से सत्ताधारी दल को भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
कांग्रेस नेता राम चंद्र कदम ने कहा कि सरकार को भ्रष्टाचार कम करने के लिए कदम उठाना चाहिए और हम इस संबंध में किसी भी कदम का स्वागत करेंगे। हालांकि, यदि सत्ताधारी पार्टी जन प्रतिनिधियों के माध्यम से दबाव डालकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है, तो यह सही नहीं होगा।