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वायरस के विस्तार को रोकने के लिए पुरी जिला प्रशासन ने लिया निर्णय
पुरी. महाप्रभु श्रीजगन्नाथ के स्नान पूर्णिमा में भाग लेने वाले गराबाड़ू सेवायतों की कोरोना की जांच करायी जायेगी. उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उनको स्नान पूर्णिमा के आयोजन में शामिल होने की अनुमति प्रदान की जायेगी. जिले में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए तथा इसके वायरस के विस्तार को रोकने के लिए जिला प्रसाशान ने यह निर्णय लिया है.
महाप्रभु श्री जगन्नाथ की स्नान पूर्णिमा उत्सव के आयोजन के लिए 108 गराबाड़ू सेवायतों की आवश्यकता होगी, लेकिन अधिकारियों ने लगभग 172 सेवायतों की कोविद-19 जांच कराने का फैसला लिया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 29 और 30 मई को इन सेवायतों की कोविद जांच की जायेगी. इनकी जांच की रिपोर्ट तीन जून तक प्राप्त होने की उम्मीद है. इस दौरान रिपोर्ट के आधार पर ही देवस्नान पूर्णिमा उत्सव में भाग लेने दी अनुमति प्रदान की जायेगी. इस साल यह उत्सव पांच जून को होने वाला है. गराबाड़ू नियोग के सचिव रजत कुमार प्रतिहारी ने कहा कि हमारे पास कुल 172 सदस्य हैं और ये सभी कोविद-19 की जांच से गुजरेंगे. उल्लेखनीय है कि गराबाड़ू सेवायतों के अलावा दइतपति नियोग के 150 सेवायत भी देवस्नान पूर्णिमा अनुष्ठान में भाग लेते हैं.
प्रशासन ने हाल ही में कोविद-19 को लेकर दइतापति सेवायतों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया था, लेकिन उनके आयोजन में शामिल होने को लेकर कोविद-19 की जांच को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. दइतापति नियोग के अध्यक्ष रवींद्र दास महापात्र ने कहा कि हम सभी नियमों का पालन करने और अनुष्ठानों का संचालन करने के लिए तैयार हैं. परंपरा के अनुसार, गराबाड़ू, दइतापति, सुआर, महासुआर, सुआरबाड़ू सहित 10 नियोग के सेवायत अनुष्ठान में शामिल होते हैं. हालाँकि इस बात पर चिंता जताई गई कि क्या कोविद का परीक्षण केवल गराबाड़ू के सेवायतों के लिए किया जाएगा या अन्य नियोगों के लिए भी बढ़ाया जाएगा. हालांकि इसको लेकर स्थिति साफ करते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के विकास प्रशासक अजय कुमार जेना ने बताया कि 25 मई तक सभी नियोगों से एक सूची मांगी गई है और जो भी स्नान पूर्णिमा अनुष्ठानों के दौरान लगेंगे, उन्हें कोविद परीक्षण से गुजरना होगा. कल गराबाड़ू नियोग की तरफ से भक्ति निवास में कोविद को लेकर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें सेवायतों के साथ-साथ श्रीमंदिर प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे.