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परंपरा के उल्लंघन पर हैं नाखुश, इसे बताया लोकप्रियता पाने का प्रयास
भुवनेश्वर। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) की ह्यूस्टन यूनिट द्वारा असमय रथयात्रा आयोजित करने की योजना पर पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने इसे परंपरा का जानबूझकर उल्लंघन बताया और कहा कि इससे इस्कॉन को कोई लाभ नहीं होगा।
मीडिया से बात करते हुए स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि परंपरा और भावनाओं के बीच सामंजस्य होना चाहिए; तभी सफलता मिल सकती है। भगवद गीता में भी इसका उल्लेख है।
उन्होंने कहा कि उन्हें (इस्कॉन) विधि-व्यवस्था की जानकारी है, फिर भी यह कदम केवल लोकप्रियता पाने के लिए उठाया जा रहा है, जिससे उन्हें कोई लाभ नहीं होगा। परंपरा का यह उल्लंघन केवल असफलता ही लाएगा।