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प्रसव पीड़ा में तड़पती गर्भवती को अस्पताल जाने से रोका, गर्भ में ही शिशु की मौत

  • केंद्रापड़ा में सीडीपीओ की अमानवीय हरकत पर हंगामा

  • परिजनों ने की कार्रवाई की मांग

केंद्रापड़ा। जिले में एक गर्भवती महिला कर्मचारी के शिशु की गर्भ में ही मौत हो गई, जिसके पीछे बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) के अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया जा रहा है। पीड़िता वर्षा प्रियदर्शिनी, जो महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत हैं, ने बताया कि जब उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो सीडीपीओ स्नेहलता साहू ने उन्हें अस्पताल जाने की अनुमति नहीं दी।

वर्षा ने बताया कि वह सात महीने की गर्भवती होने के बावजूद नियमित रूप से दफ्तर आ रही थीं। 25 अक्टूबर को दफ्तर में उन्हें अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी, जिसके बाद उन्होंने सीडीपीओ और अन्य अधिकारियों से अस्पताल जाने की विनती की।

आरोप है कि सीडीपीओ ने वर्षा को अस्पताल जाने से रोक दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। हालत बिगड़ने पर वर्षा के परिजन दफ्तर पहुंचे और उन्हें निजी अस्पताल ले गए। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि गर्भ में शिशु की मृत्यु हो चुकी है।

इस घटना के बाद वर्षा ने जिलाधिकारी और एसपी के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई और सीडीपीओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वर्षा को दर्द में तड़पते हुए देखा जा सकता है जबकि सीडीपीओ एक परिजन के साथ बहस करती नजर आ रही हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता नम्रता चड्ढा ने कहा कि यह बहुत ही अमानवीय घटना है। हर गर्भवती महिला अपने बच्चे के लिए उत्साहित होती है। इस तरह की लापरवाही बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मामले की जांच होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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