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किसानों के सिर पर संकट का साया
भुवनेश्वर। ओडिशा में चक्रवात डाना से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन इस भीषण चक्रवाती तूफान ने भद्रक और बालेश्वर जिलों में भारी फसल और सब्जी खेती को बर्बाद कर दिया, जिससे किसानों में गहरा संकट पैदा हो गया है।
चक्रवात के लैंडफॉल के दौरान 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति वाली तेज हवाओं और भारी से अत्यधिक भारी वर्षा ने इन जिलों के हजारों एकड़ में खड़ी फसलों को नष्ट कर दिया।
बालेश्वर जिले के सदर ब्लॉक के परिकुला के किसान, जो कुछ महीने पहले बाढ़ की मार झेल चुके थे, धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहे थे, लेकिन अब चक्रवात डाना ने उन्हें फिर से परेशानी में डाल दिया है और उनकी फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है।
एक किसान ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि खेती के लिए मैंने कर्ज लिया था। पहले बाढ़ और अब चक्रवात ने हमें निराशा में डाल दिया है। हमारी सारी धान की फसल बर्बाद हो जाएगी क्योंकि खेत अब भी घुटनों तक पानी में डूबे हुए हैं। कर्ज के बोझ तले दबकर हमारे पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
एक अन्य किसान ने भी यही दर्द साझा करते हुए कहा कि मैंने दो एकड़ जमीन पर खेती करने के लिए कर्ज लिया था। लेकिन बाढ़ और चक्रवात के कारण हमें दो बार नुकसान झेलना पड़ा।
गौरतलब है कि भीषण चक्रवात डाना ने 24-25 अक्टूबर के बीच कहीं केंद्रापड़ा के भीतारकनिका और भद्रक के धामरा के बीच में दस्तक दी। इस चक्रवात ने राज्य के 14 जिलों के 108 ब्लॉकों के 1,671 ग्राम पंचायतों और 31 शहरी क्षेत्रों के 426 वार्डों को प्रभावित किया।
राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी के अनुसार, इस चक्रवात से राज्य में कुल 35,95,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 1.75 लाख हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसलें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं।