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कहा-ओडिशा में निवेश की अपार संभावनाएं
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ओडिशा देश के सबसे तेजी से उभरते हुए राज्यों में से एक
भुवनेश्वर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भुवनेश्वर में ओडिशा के आर्थिक और सामाजिक प्रगति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ओडिशा देश के सबसे तेजी से उभरते हुए राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा कि ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, संभावनाओं से भरी समुद्र तट रेखा और संसाधनों की प्रचुरता इसे एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक केंद्र बनाने में सहायक है।
बिरला ने कहा कि ओडिशा में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। राज्य की भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक संपदा और सुदृढ़ बुनियादी ढांचे के कारण देश-विदेश के निवेशकों के लिए यह राज्य अत्यधिक आकर्षक बन गया है। ओडिशा का विकास न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय विकास में भी योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि अपारंपरिक उद्योगों और पर्यटन क्षेत्र में भी ओडिशा में संभावनाओं का भंडार है, जिसके कारण राज्य का आर्थिक स्तर बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि धर्म और आध्यात्म की धरती ओडिशा अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए विशेष पहचान रखती है। यहाँ की परंपराएं और लोक कलाएं न केवल इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं, बल्कि आधुनिकता के साथ भी जुड़ी हुई हैं। यहां के लोग देश और दुनिया के किसी भी कोने में रहें, अपनी कार्य कुशलता से वहां सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ा है, दुनिया की हर चुनौतियों का समाधान भारत के पास है। विकसित भारत के हमारे सामूहिक संकल्प में ओडिसा के प्रत्येक नागरिक की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। मुझे विश्वास है कि यहां के नागरिकों की मेहनत, नेतृत्व क्षमता और नवाचार की भावना न केवल ओडिसा को बल्कि पूरे देश को प्रगति के नए आयामों की ओर ले जाएगी।
प्रवासी ओड़िया समुदाय का योगदान
बिरला ने विदेशों में बसे प्रवासी ओड़िया समुदाय की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ओडिशा के लोग जहां भी जाते हैं, वहां अपनी मेहनत और संस्कृति की पहचान बनाते हैं। दुनिया भर में ओडिशा के लोगों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और वे अपने राज्य का नाम विश्व स्तर पर रोशन कर रहे हैं। प्रवासी ओड़िया अपने ज्ञान और कौशल से न केवल अपने देशों में बल्कि ओडिशा के विकास में भी योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ओडिशा प्रवासी भारतीयों के लिए एक सम्मानजनक वातावरण तैयार कर रहा है और राज्य सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक प्रवासी ओडिशा में वापस आएं और राज्य के विकास में सहयोग करें।
ओडिशा की सांस्कृतिक पहचान
ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि ओडिशा कला, संस्कृति और साहित्य का एक केंद्र है। इस राज्य ने शिल्प, नृत्य, संगीत और साहित्य की विभिन्न धाराओं में विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा, ओडिशी नृत्य और प्राचीन कला को राज्य की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग बताया।
बिरला ने कहा कि ओडिशा का कला और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने राज्य की कला, हस्तशिल्प और नृत्य शैली को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए ओडिशा के लोगों को धन्यवाद दिया।
ओडिशा के नेतृत्व में भारत का भविष्य
बिरला ने कहा कि ओडिशा के लोगों का देश के नेतृत्व में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ओडिशा के अनेक योग्य व्यक्तित्व आज देश की प्रगति और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ओडिशा का भविष्य उज्ज्वल है और यह राज्य भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की विकासशील नीतियों और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने वाले माहौल के कारण ओडिशा एक आर्थिक और सामाजिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। बिरला ने कहा कि राज्य के युवाओं में नवाचार और उद्यमिता की भावना के कारण ओडिशा आने वाले वर्षों में भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है।
आर्थिक सुधारों का योगदान
बिरला ने कहा कि ओडिशा में आर्थिक सुधारों ने राज्य को प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ने में मदद की है। राज्य में हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं और बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है, जो निवेशकों और व्यवसायियों के लिए बेहतर संभावनाएं प्रस्तुत करता है।
बिरला ने अंत में कहा कि ओडिशा आर्थिक और सामाजिक गति से आगे बढ़ने वाला राज्य है। यह राज्य अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और प्रगतिशील सोच के कारण देश के लिए प्रेरणास्रोत बनता जा रहा है। ओडिशा का यह विकास यात्रा देश और दुनिया के लिए एक मिसाल है।