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तूफानी लहरों के बीच जीवन की नई हुई शुरुआत
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भविष्या में डाना नाम होगा लोकप्रिय
भुवनेश्वर। भीषण चक्रवात डाना के कहर के बीच ओडिशा में कुल 2200 नवजात शिशुओं का जन्म हुआ, जिसमें 18 जुड़वां भी शामिल हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में इन नवजातों का आगमन परिवारों के लिए सच्ची खुशी लेकर आया है। चक्रवात की तबाही के बावजूद इन परिवारों को इन खास पलों की याद हमेशा संजोए रहेगी।
जब चक्रवात बाहर कहर बरपा रहा था, तब अस्पतालों में कई महिलाएं प्रसव पीड़ा से जूझ रही थीं। कुछ परिवारों में बेटियों का जन्म हुआ, तो कहीं बेटों ने जन्म लिया। इस दौरान कई परिवारों ने अपने बच्चों का नाम चक्रवात डाना से प्रेरित होकर डाना, दानवीर जैसे नाम रखे।
खास नाम: डानब, दानवीर हरीशचंद्र
चांदबाली निवासी प्रेमलता सामल, जो पहले ही दो बेटियों की मां थीं, अब चक्रवात के बीच एक बेटे की मां बनी हैं। परिवार ने बेटे का नाम डानब रखने का फैसला किया। प्रेमलता कहती हैं कि भगवान की कृपा से हमें चक्रवात के बीच बेटा मिला है। हम उसे डानब कहकर पुकारेंगे। इसी तरह चारडिया गांव की लिजारानी माझी ने अपने पहले बच्चे का जन्म किया और वह भी उसे डानब नाम से पुकारने की इच्छुक हैं।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की डॉक्टर उपासना बिस्वाल ने बताया कि सभी प्रसव सुरक्षित ढंग से हुए और मां व बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हैं। ओडिशा सरकार की मिशन जीरो कैजुअल्टी के तहत 6000 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया था, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि चक्रवात के दौरान जन्मे ये नवजात नए ओडिशा के भविष्य के निर्माता होंगे। इससे पहले कल के आंकड़ों में 1600 बच्चों का जन्म बताया गया था। यह संख्या बढ़कर 2200 हो गयी है।