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ओडिशा तट पर चक्रवात डाना का लैंडफॉल आठ घंटे तक चला

  • आधी रात के बाद शुरू हुई प्रक्रिया, कई जिलों में व्यापक नुकसान

  • हवा की अधिकतम गति 100 किमी प्रति घंटा तक पहुंची

भुवनेश्वर। लैंडफॉल के बाद भीषण चक्रवाती तूफान डाना ने ओडिशा के कई जिलों में काफी तांडव रचा है। जीरो कैजुअल्टी के बीच काफी संख्या में पेड़ और बिजली के पोल उखड़ गये। बारिश से बाढ़ की संभावना है। सरकार ने राहत व बचाव पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

भीषण चक्रवाती तूफान डाना ने ओडिशा के तट पर लैंडफॉल प्रक्रिया आधी रात के बाद शुरू हुई और यह आठ घंटे से अधिक समय तक चली। यह चक्रवात मध्य रात 1.30 से शुक्रवार तड़के 3.30 बजे के बीच हबली खाटी नेचर कैंप और धामरा के पास उत्तर ओडिशा तट को पार कर गया, जहां हवा की गति 100-120 किमी प्रति घंटा थी। चक्रवात के केंद्र के आसपास की हवा की अधिकतम गति लगभग 80 से 90 किमी प्रति घंटा थी, जबकि इसके झोंके की गति 100 किमी प्रति घंटा तक पहुंच रही थी।

यह जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को देते हुए बताया कि लैंडफॉल प्रक्रिया शुक्रवार की सुबह 8.30 बजे पूरी हुई, जिसके बाद चक्रवात लगभग 30 किमी उत्तर-पूर्व भद्रक और 50 किमी उत्तर-उत्तर पश्चिम धामरा से था। इसके बाद यह कमजोर होकर एक चक्रवाती तूफान में और शाम को डिप्रेशन में बदल गया।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि शुक्रवार को यह प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगी और राज्य के अंदरूनी हिस्सों में प्रवेश करेगी, जिससे अधिकांश स्थानों पर भारी वर्षा होगी।

केंद्रापड़ा, भद्रक और बालेश्वर में भारी वर्षा, पेड़ उखड़े

लैंडफॉल के दौरान केंद्रापड़ा, भद्रक और बालेश्वर में भारी वर्षा और तेज हवाएं देखी गईं। हालांकि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। अग्निशमन सेवा के महानिदेशक सुधांशु षाड़ंगी ने बताया कि राजनगर, पट्टामुंडई, धामरा और बासुदेवपुर जैसे स्थानों में पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं, जिनके रास्तों को साफ करने के लिए अग्निशमन कर्मी पेड़ों और शाखाओं को काट रहे हैं।

युद्ध स्तर पर बहाली कार्य जारी

केंद्रापड़ा जिले के भितरकनिका में चक्रवात डाना के लैंडफॉल के बाद प्रशासन ने युद्ध स्तर पर बहाली और राहत कार्य शुरू किया है। कई तटीय जिलों में एनडीआरएफ, ओड्राफ और ओडिशा फायर सर्विस की टीमों को उखड़े हुए पेड़ों को हटाकर सड़कों को साफ करने के लिए तैनात किया गया है।

भद्रक, केंद्रपाड़ा, बालेश्वर और जगतसिंहपुर जिले गंभीर रूप से प्रभावित

चक्रवात से भद्रक, केंद्रापड़ा, बालेश्वर और जगतसिंहपुर जैसे जिले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, भद्रक जिले के धामरा में एनडीआरएफ की टीमों ने उखड़े हुए पेड़ों को हटाकर सड़कें खोलने का कार्य किया।

भद्रक के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शांतनु मोहंती ने बताया कि हमने पहले ही संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया था। बिजली आपूर्ति और अन्य सेवाओं को बहाल किया जा रहा है।

केंद्रापड़ा कलेक्टर स्मृति रंजन प्रधान ने बताया कि चक्रवात के चलते कोई मानव हानि नहीं हुई है और संपत्ति का नुकसान भी न्यूनतम हुआ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। वहीं, भारी बारिश और तेज़ हवाओं ने बालेश्वर और भद्रक जिलों में भी असर डाला।

राजनगर ब्लॉक विकास अधिकारी निशांत मिश्र ने बताया कि समुचित एहतियाती उपायों और समय पर निकासी के कारण हमने बिना किसी मानव हानि के इस प्राकृतिक आपदा का सामना किया। कुछ कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है और कई जगहों पर सड़क संपर्क बाधित हुआ था।

तलचुआ, रंगानी, केरूपाला, बाघमारी और सतभया जैसे गांव चक्रवात से अधिक प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं से फसलें बर्बाद हो गईं और खेत जलमग्न हो गए हैं।

इस बीच, भुवनेश्वर के बरमुंडा में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बस टर्मिनल पर बस सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। लोग परिवहन सेवाओं के पुनः शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।

समुद्र में ऊंची ऊठी लहरें

भीषण चक्रवात के कारण समुद्र काफी अशांत रहा। समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरे उठी। हालांकि किसी प्रकार की नुकसान खबर नहीं है।

5.84 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा

चक्रवात से निपटने और जान-माल की हानि को रोकने के लिए 11 तटीय जिलों के निचले इलाकों से 5.84 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।

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