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मुख्यमंत्री मोहन माझी और नवीन पटनायक के पंडालों में पहुंचने से राजनीतिक पारा चढ़ा
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मोहन माझी ने नौ पंडालों में मां दुर्गा का लिया आशीर्वाद
भुवनेश्वर। ओडिशा में महाष्टमी पर सियासत गरमाई गई है। मुख्यमंत्री मोहन माझी और नवीन पटनायक के पंडालों में पहुंचने से राजनीतिक पारा चढ़ गया है। बीजद और भाजपा आमने-सामने आ गईं हैं।
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा बीजू जनता दल (बीजद) सुप्रीमो नवीन पटनायक महाष्टमी पर भुवनेश्वर में मां देवी दुर्गा के दर्शन करने पहुंचे। इधर, मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नौ पंडालों में मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया। इन दोनों नेताओं के पंडालों में जाने के बाद राजनीतिक सियासत गरमा गयी।
दोनों नेताओं के महाष्टमी के अवसर पर शुक्रवार को भुवनेश्वर के विभिन्न दुर्गा पूजा पंडालों का दौरा करने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी बीजद के नेताओं के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है।
खबर है कि मुख्यमंत्री मोहन माझी ने भुवनेश्वर में कुल नौ पूजा पंडालों का दौरा किया और राज्य की जनता के लिए शांति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने सबसे पहले पुरानी बस्ती के पाटनासाही पूजा मंडप में देवी दुर्गा का दर्शन किया। इसके बाद उन्होंने सुंदरपदा, बरमुंडा और नयापल्ली के पूजा मंडपों का दौरा कर आशीर्वाद लिया।
इसी बीच, विपक्ष के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी राजधानी के विभिन्न पूजा मंडपों में देवी दुर्गा से आशीर्वाद लेने पहुंचे। उन्होंने पहले रसूलगढ़ पूजा मंडप का दौरा किया, उसके बाद बड़गड़ और शहीदनगर के पूजा पंडालों में भी दर्शन किए।
नवीन की लोकप्रियता बढ़ी – सुलोचना
इनके दौरे पर भुवनेश्वर की मेयर और बीजद नेता सुलोचना दास ने कहा कि नवीन पटनायक की पूजा पंडाल यात्राओं के दौरान भारी भीड़ उमड़ी। नवीन आज भी जनता के दिलों में बसे हैं। उनका फैन बेस और लोकप्रियता कम नहीं हुई, बल्कि और बढ़ गई है। लोग अभी भी उन्हें अपना मुख्यमंत्री मानते हैं और यह मानते हैं कि उन्होंने हमेशा उनकी पहुंच में रहकर सेवा की है। नवीन पटनायक का क्रेज कभी कम नहीं होगा।
माझी की नकल कर रहे हैं नवीन – कानून मंत्री
इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह व्यक्ति (नवीन) पिछले 24 सालों में कभी किसी पूजा पंडाल में नहीं गया। वह रावण दहन में भी जाने से कतराते थे। अब जब मुख्यमंत्री मोहन माझी ने पूजा पंडालों का दौरा किया, तो नवीन भी उनकी नकल कर रहे हैं। यह स्वाभाविक नहीं है। ऐसा लग रहा है जैसे वह किसी चुनाव की तैयारी कर रहे हैं और कुछ भी हो सकता है। इस पवित्र दुर्गा पूजा के दौरान राजनीतिक प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए, बल्कि भक्ति का प्रदर्शन होना चाहिए।
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