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किसी तरह से भागकर बड़ी बेटी ने समय रहते बचायी जान
नुआपड़ा। नुआपड़ा के बोडेन थाना अंतर्गत बोइरगांव पंचायत के कुटियापड़ा गांव में एक हैवान पिता ने अपने नवजात बेटे को डूबो मार डाला, जबकि एक बेटी का गला रेत दिया। हालांकि किसी तरह से भागकर बड़ी बेटी ने अपनी जान बचायी। पुलिस ने इस आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है।
बताया गया है कि पारिवारिक विवाद के चलते कथित तौर पर अपने 14 महीने के बेटे को डूबने के लिए जलाशय में धकेल दिया था और अपनी 10 वर्षीय बेटी को चाकू मार दिया।
आरोपी किशोर माझी ने 12 साल पहले उसी गांव की जयंती माझी से शादी की थी। दंपति की दो बेटियां हैं, कमलाकांति (10) और लक्ष्मीकांति (8) और एक 14 महीने का बेटा चंदन है।
पति-पत्नी अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मजदूरी करते थे। कभी-कभी प्रवासी मजदूर के रूप में काम करने के लिए राज्य से बाहर चले जाते थे। खबर है कि किशोर अक्सर जयंती को दहेज के लिए पीटता था। इस बीच मंगलवार दोपहर को किशोर और जयंती के बीच दहेज को लेकर फिर से बहस हुई। इससे परेशान होकर जयंती अपने तीन बच्चों को किशोर के पास छोड़कर मायके चली गई।
किशोर बच्चों को जंगल में ले गया, जहां सबसे बड़ी बेटी को उसके इरादों पर शक हुआ और वह वहां से भागने में सफल रही। इसके बाद हैवान पिता ने 14 महीने के बेटे को कोई दवा खिलाई और उसे एक जलाशय में फेंक दिया। फिर उसने अपनी मझली बेटी लक्ष्मी का गला काट दिया, जिसे गंभीर हालत में बचा लिया गया और उसका इलाज बोडेन स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। उसकी दो उंगलियां भी कट गई हैं। इस विभत्स घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की और उसे जंगल से गिरफ्तार कर लिया, जहां वह छिपा हुआ था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।