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योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में ओडिशा ने रचा इतिहास

  • आधे महीने में 1 करोड़ 20 हजार लाभार्थी महिलाएं जुड़ीं

  • 17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भुवनेश्वर में हुई थी लॉन्च

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सुभद्रा योजना के माध्यम से मात्र आधे महीने में 1 करोड़ 20 हजार लाभार्थियों को जोड़कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की महत्वाकांक्षी योजना के सफल क्रियान्वयन ने इसे न केवल सरकार की बड़ी उपलब्धि बनाया है, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है। सुभद्रा योजना, जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है, की सरल और सहज पंजीकरण प्रक्रिया ने इस ऐतिहासिक जुड़ाव को संभव बनाया।

सुभद्रा योजना को 17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर लॉन्च किया गया था। इस योजना के अंतर्गत, 21 से 60 वर्ष की आयु की सभी पात्र महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है। योजना का उद्देश्य न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें राज्य की आर्थिक और सामाजिक धारा में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना भी है।

पंजीकरण प्रक्रिया की मुख्य भूमिका

किसी भी योजना की सफलता इससे जुड़ने वाले लाभार्थियों के ऊपर निर्भर करता है। सुभद्रा योजना की पंजीकरण प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया गया है, जिससे कम समय में इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं का जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सका।

पहले चरण की सफलता ने रची कहानी

पहले चरण के तहत, ओडिशा सरकार ने 25,29,720 लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से पहली किस्त की राशि जमा की। इससे राज्य की महिलाओं को तुरंत आर्थिक सहारा मिला और इसके परिणामस्वरूप महिलाओं का विश्वास सरकार की इस योजना में और अधिक बढ़ा। इसके बाद अब दूसरे चरण में 35 लाख महिलाओं को पहली किस्त की राशि प्राप्त होने जा रही है। उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा ने बताया कि 9 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी स्वयं 35 लाख महिलाओं के बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर करेंगे। बाकी की भुगतान की प्रक्रिया जारी है।

सहज पंजीकरण प्रक्रिया का असर

बताया जाता है कि योजना के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और सरल बनाया गया, जिससे गांव-गांव की महिलाएं बिना किसी परेशानी के इसका लाभ उठा सकीं। पंजीकरण की प्रक्रिया में जटिलताओं के न होने के कारण महिलाएं आसानी से योजना से जुड़ती गईं और आधे महीने में एक करोड़ महिलाओं का जुड़ना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।

डिजिटल साक्षरता का रूझान भी दिखा

इस योजना के सफल क्रियान्यन ने यह साबित कर दिया कि डिजिटल साक्षरता के कारण सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता का स्तर बढ़ा है और महिलाओं में आत्मनिर्भरता और सामाजिक भागीदारी का भी स्तर बढ़ा है।

मोहन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की सुभद्रा योजना उनकी सरकार की महत्वाकांक्षी नीतियों में से एक है। महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए इस योजना को लागू करने का उद्देश्य महिलाओं को राज्य की विकास प्रक्रिया का केंद्र बनाना है।

डबल से गति से काम का दावा

दावा किया गया है कि इस योजना की सफलता ने स्पष्ट रूप से यह साबित किया है कि सरकार की नीतियां न केवल कागजों तक सीमित हैं, बल्कि धरातल पर भी अपना प्रभाव दिखा रही हैं। राज्य में महिलाओं का इतने बड़े पैमाने पर योजना से जुड़ना ओडिशा सरकार की प्रभावी प्रशासनिक क्षमता और जनता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

देश में एक मॉडल योजना के रूप में स्थापित

सुभद्रा योजना के पहले और दूसरे चरण की सफलता ने इसे न केवल ओडिशा में बल्कि पूरे देश में एक मॉडल योजना के रूप में स्थापित किया है। सरकार का लक्ष्य अब उन सभी पात्र महिलाओं तक इस योजना का लाभ पहुंचाना है, जो अभी तक इससे वंचित हैं। इसके अलावा, योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता को सही समय पर और नियमित रूप से प्रदान करने की भी योजना है, ताकि महिलाओं को दीर्घकालिक आर्थिक सशक्तिकरण का लाभ मिल सके।

मोहन माझी ने पूरे किये ये वादे

–    श्री जगन्नाथ मंदिर के चार द्वार खोले

–    रत्न भंडार खुला

–    सीएम किसान योजना शुरू

–    समर्थन मूल्य 3100 रुपये की घोषणा

–    जनजातीय छात्रों के लिए माधो सिंह हाथ खर्च योजना

–    सुभद्रा योजना शुरू

–    हीराकुद बांध की सिंचाई प्रणाली में बड़े सुधार को धन आवंटित

–    प्रधानमंत्री किसान निधि योजना से किसानों को जोड़ने की पहल

–    राज्यभर में नए स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना की घोषणा

–    सड़कों, पुलों और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित

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