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ओडिशा ने मांगी 12 कंपनियां बल और हेलीकॉप्टर
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केंद्र ने मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को जड़ से समाप्त करने की प्रतिबद्धता दोहराई
नई दिल्ली। ओडिशा में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए नई योजना की शुरुआत की जायेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए और यह जानकारी दी। बैठक में केंद्र ने मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को जड़ से समाप्त करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
हाल ही में छत्तीसगढ़ में 31 नक्सलियों के मारे जाने के बाद यह बैठक और अधिक महत्वपूर्ण हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री ने नक्सल प्रभावित राज्यों को सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया, ताकि इस खतरे से निपटा जा सके।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस बैठक में राज्य के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल 12 कंपनियां और एक हेलीकॉप्टर की मांग की, ताकि नक्सल विरोधी अभियानों को और तेज किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज केंद्र ने आश्वासन दिया कि आवश्यक सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। ओडिशा के 10 जिलों में, जो छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के साथ सीमा साझा करते हैं, नक्सलवाद का खतरा है। विशेष ध्यान छत्तीसगढ़ की सीमा पर दिया गया है, जहां विद्रोही अस्थायी ठिकाना बना सकते हैं।
इसके अलावा, ओडिशा ने आंतरिक क्षेत्रों में सड़क, मोबाइल कनेक्टिविटी और बैंकिंग सेवाओं जैसी विकासात्मक गतिविधियों के लिए भी सहायता मांगी है, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति मिल सके।
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों में सशस्त्र बलों और विकासात्मक पहलों के माध्यम से समस्या का समाधान कर रही है। फिर भी, कंधमाल-बौध-कलाहांडी जैसे इलाकों में नक्सलियों की गतिविधियां अब भी जारी हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में अधिक सुरक्षा बलों की आवश्यकता है।
ग्रामोदय नामक नई योजना होगी शुरू
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि इसके अलावा उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में धरित्री आब्बा जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान के तहत लाभ भी बढ़ाया जाएगा। ग्रामोदय नामक एक नई योजना शुरू की जा रही है, जिसमें वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थित सभी गांवों को बुनियादी ढांचे और सेवाओं से जोड़ने के लिए 40 से अधिक योजनाओं को शामिल किया जाएगा। इससे ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद मिलेगी।
ओडिशा में घुसपैठ का खतरा बढ़ा
मुख्यमंत्री माझी ने बैठक के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों के तेज होने से नक्सलियों के ओडिशा में घुसपैठ का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि जब तक राज्य के स्वयं के बल पूरी तरह से तैनात नहीं हो जाते, तब तक केंद्रीय बलों को वापस न लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तीन बटालियन ओडिशा स्पेशल स्ट्राइकिंग फोर्स (ओएसएसएफ) की तैयार की हैं। हालांकि, जब तक यह बल पूरी तरह से तैयार होकर तैनात नहीं होता, तब तक केंद्रीय बलों की मौजूदगी आवश्यक है।
विकास योजनाओं पर जोर
मुख्यमंत्री माझी ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़कों की खराब स्थिति को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि 127 महत्वपूर्ण सड़कों की सूची केंद्र सरकार को भेजी गई है। इन सड़कों की मरम्मत और निर्माण से इन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के अभियानों में भी सुधार होगा।
नक्सल समस्या के समाधान का संकल्प
मुख्यमंत्री माझी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि हमारे बलों ने छत्तीसगढ़ में हाल ही में एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। मैं इस मंच से उन्हें बधाई देता हूं। हम केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और हमें पूरा विश्वास है कि 2026 तक भारत नक्सलवाद की समस्या से मुक्त हो जाएगा।
केंद्र ने दिया सहयोग का आश्वासन
बैठक के बाद सीएम माझी ने नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज केंद्र सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे उपलब्ध कराए जाएंगे। ओडिशा छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों की सीमा से लगे दस जिलों में वामपंथी उग्रवाद का सामना कर रहा है। हम छत्तीसगढ़ के साथ अपनी सीमाओं को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, क्योंकि यहां नक्लवादियों के आने की संभावना है, जो यहां अस्थायी ठिकाने बना सकते हैं।