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खेल के जरिए विश्व में शांति और सद्भावना फैलाने का संकल्प लिया
भुवनेश्वर। अंतर्राष्ट्रीय वालीबॉल महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर आर्य एस ग्रेसा को कीस ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें वॉलीबॉल खेल के वैश्विक प्रचार-प्रसार और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में उनके योगदान के लिए दिया गया।
सम्मान समारोह में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने यह पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव भी उपस्थित थे।
हालांकि, यह पुरस्कार 2020 में ही घोषित किया गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण डॉक्टर आर्य एस ग्रेसा उस समय इसे प्राप्त नहीं कर सके थे।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में डॉक्टर आर्य एस ग्रेसा की वॉलीबॉल के प्रति निष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि कीस ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड मानवता और सामाजिक मूल्यों का प्रतीक है, जो दुनियाभर के उन लोगों को प्रेरित करता है, जो मानव सेवा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री सिंहदेव ने डॉक्टर आर्य एस ग्रेसा को बधाई दी और इस पुरस्कार को स्थापित करने के लिए डॉ अच्युत सामंत की भी प्रशंसा की।
इस अवसर पर कीट, कीस और कीम्स के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत, जो वॉलीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष भी हैं, ने डॉक्टर आर्य एस ग्रेसा के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि 81 वर्षीय ब्राजीलियाई डॉक्टर आर्य एस ग्रेसा 12 वर्षों से महासंघ के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। अंतर्राष्ट्रीय वालीबॉल महासंघ दुनिया का सबसे बड़ा खेल महासंघ है, जिसमें 222 सदस्य राष्ट्र शामिल हैं। डॉ सामंत ने गर्व से कहा कि डॉ ग्रेसा का कीस ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड प्राप्त करना मानवता और सामाजिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है। डॉक्टर आर्य एस ग्रेसा ने डॉ सामंत के वॉलीबॉल के विकास के प्रयासों की हमेशा सराहना की है और विशेष रूप से पुरस्कार प्राप्त करने के लिए पहली बार भारत आए। उन्होंने कहा कि मेरा मुख्य उद्देश्य खेल के माध्यम से विश्व में शांति और सद्भावना फैलाना है।
उन्होंने कहा कि मेरा जुनून है कि मैं सशक्तिकरण, टीमवर्क और अवसरों की भावना को बनाए रखूं और वॉलीबॉल के माध्यम से दुनिया की सेवा करूं।
उल्लेखनीय है कि कीस ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित वैश्विक नेताओं, नोबेल पुरस्कार विजेताओं और विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को दिया जा चुका है, जिससे इसकी अंतरराष्ट्रीय महत्ता और प्रतिष्ठा बढ़ी है।