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महिला पुलिसकर्मी की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की
भुवनेश्वर। भरतपुर पुलिस थाने में हिरासत में यातना मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों पर पॉलीग्राफ परीक्षण करने के लिए ओडिशा अपराध शाखा की एक टीम गुजरात जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच दल रविवार को गुजरात के लिए रवाना होगा, ताकि आईआईसी दीनाकृष्ण मिश्र और चार अन्य अधिकारियों पर पॉलीग्राफ परीक्षण किया जा सके। इन पुलिस कर्मचारियों पर पुलिस स्टेशन में सेना के एक कैप्टन और उनकी मंगेतर पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
घटना के सामने आने के बाद ओडिशा पुलिस ने आईआईसी दीनाकृष्ण मिश्र, सब इंस्पेक्टर बैशालिनी पंडा, डब्ल्यूएएसआई सलिलामयी साहू, एएसआई सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हंसदा को निलंबित कर दिया है।
यह मामला 15 सितंबर को हुआ था। भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में सेना के एक कैप्टन और उनकी मंगेतर पर पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित रूप से हमला किया गया था। दंपति आधी रात को सड़क पर बदसलुकी किये जाने के बारे में शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे।
इधर भरतपुर हिरासत में हमले के मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। महिला पुलिस अधिकारी की मां, जिनकी बेटी पर मेजर की मंगेतर द्वारा काटने का आरोप है, ने ओडिशा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मेजर की मंगेतर ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है।
गौरतलब है कि ओडिशा हाई कोर्ट ने 23 सितंबर को एक आदेश जारी किया था, जिसमें मेजर और उनकी मंगेतर के नाम का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट या सोशल मीडिया में करने पर रोक लगाई गई थी।
याचिका में महिला पुलिसकर्मी की मां ने आरोप लगाया है कि जब यह आदेश प्रभावी था, तब पीड़िता ने एक राष्ट्रीय टीवी चैनल को साक्षात्कार दिया, जिसमें न केवल उसने अपनी पहचान उजागर की, बल्कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ नकारात्मक बयान भी दिए, जिससे उन्हें दोषी के रूप में प्रस्तुत किया गया, जबकि जांच अभी भी चल रही है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि इस साक्षात्कार के माध्यम से उनके गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है।
महिला ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह पीड़िता के खिलाफ आदेश की अवहेलना के लिए कार्रवाई करें और यह भी ध्यान दें कि साक्षात्कार के माध्यम से उनकी गोपनीयता के अधिकार को प्रभावित किया गया है।