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महिला कर्मचारी 180 दिनों की छुट्टी ले सकेंगी, पुरुषों को 15 दिन का अवकाश
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सरोगेट और जैविक माताओं तथा पिता दोनों को यह लाभ दिया जाएगा
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने बच्चे के जन्म के लिए सरोगेसी का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को मातृत्व और पितृत्व अवकाश देने का निर्णय लिया है। राज्य वित्त विभाग द्वारा गुरुवार रात जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, महिला कर्मचारी 180 दिनों की छुट्टी ले सकेंगी, जबकि पुरुष कर्मचारी 15 दिन का अवकाश ले सकेंगे। इसमें बताया गया कि सरोगेट और जैविक माताओं तथा पिता दोनों को यह लाभ दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा सरोगेसी से माता-पिता बनने वाले अपने कर्मचारियों का मातृत्व और पितृत्व अवकाश बढ़ाने के फैसले के बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया।
आधिकारिक अधिसूचना में बताया गया कि राज्य की कोई भी सरकारी महिला कर्मचारी जिसके दो से कम जीवित बच्चे हों और जो सरोगेट मां बनती है, तो वह 180 दिनों का मातृत्व अवकाश लेने की पात्र होगी। इसमें बताया गया कि राज्य की कोई भी सरकारी महिला कर्मचारी जिसके दो से कम बच्चे हों और जो जैविक मां है, तो उसे भी 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।
जैविक मां का मतलब एक ऐसी मां से है जो अपने अंडे का उपयोग किसी अन्य महिला में भ्रूण प्रतिरोपित कराने के लिए करती है। इसी तरह राज्य सरकार का कोई पुरुष कर्मचारी जिसके दो से कम बच्चे हों और जो जैविक पिता बना हो वह बच्चे के जन्म की तारीख से लेकर छह महीने की अवधि के भीतर 15 दिन का पितृत्व अवकाश लेने के लिए पात्र होगा। जैविक पिता का तात्पर्य सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे के पिता से है।
अधिसूचना में बताया गया कि यदि सरोगेट मां और जैविक मां दोनों राज्य सरकार की कर्मचारी हैं, तो दोनों को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलेगा। मातृत्व या पितृत्व अवकाश लेने के लिए सरोगेट मां और जैविक’ माता-पिता के बीच सरोगेसी पर किए गए समझौते के साथ-साथ मान्यता प्राप्त चिकित्सकों या अस्पतालों से प्राप्त चिकित्साकीय दस्तावेज दिखाने होंगे।