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आरोपी ने किया स्वीकार – 59 टुकड़ों में काटी थी महालक्ष्मी की लाश
भद्रक। बेंगलुरु में 26 वर्षीय महालक्ष्मी की निर्मम हत्या और शरीर को 50 से अधिक टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रखने के सनसनीखेज मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस मामले के संदिग्ध हत्यारे मुख्तिरंजन रॉय ने ओडिशा के भद्रक जिले के एक गांव में पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
सूत्रों के अनुसार, मुख्तिरंजन को ओडिशा के भद्रक जिले के पांडी गांव में ट्रैक किया गया था, जहां वह हत्या के बाद से छिपा हुआ था। कर्नाटक पुलिस ने उसकी तलाश में ओडिशा में चार टीमें भेजी थीं, लेकिन आखिरकार उसकी लाश ग्रामीणों द्वारा पेड़ से लटकी हुई पाई गई, जिससे इस मामले का एक दर्दनाक अंत हुआ।
महालक्ष्मी त्रिपुरा की रहने वाली थी और बेंगलुरु के एक प्रसिद्ध मॉल में काम करती थी और पिछले पांच महीनों से अकेले रह रही थी। पुलिस का मानना है कि उसकी हत्या 2 या 3 सितंबर को हुई थी, क्योंकि उसका अंतिम कार्य दिवस 1 सितंबर था।
जघन्य अपराध को स्वीकार किया
महालक्ष्मी की दर्दनाक हत्या और उसके शरीर को 59 टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रखने वाले संदिग्ध हत्यारे ने अपनी मौत से पहले एक सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें उसने इस जघन्य अपराध को स्वीकार किया। पुलिस ने इस मामले में संदिग्ध आरोपी मुख्तिरंजन रॉय का सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें उसने महालक्ष्मी की हत्या की वजह बताई।
गुस्से में 3 सितंबर को हत्या की
सूत्रों के मुताबिक, मुख्तिरंजन ने अपनी डायरी में लिखा है कि मैंने 3 सितंबर को अपनी प्रेमिका महालक्ष्मी की हत्या कर दी। उसने आगे बताया कि महालक्ष्मी से व्यक्तिगत मामलों को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसके बाद महालक्ष्मी ने उस पर हमला किया। गुस्से में आकर उसने महालक्ष्मी की हत्या कर दी। सुसाइड नोट में उसने यह भी लिखा कि हत्या के बाद उसने महालक्ष्मी के शव को 59 टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रख दिया। मुख्तिरंजन का कहना था कि वह महालक्ष्मी के व्यवहार से तंग आ चुका था, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया।
शव पेड़ से लटका मिला
इस मामले में पुलिस जब मुख्तिरंजन के आवास पर जानकारी जुटा रही थी, तभी यह सुसाइड नोट मिला। पुलिस के अनुसार, मुख्तिरंजन अपने घर से दोपहिया वाहन पर निकला था और गांव में पहुंचने के बाद उसने आत्महत्या कर ली। ग्रामीणों ने उसका शव पेड़ से लटका पाया।
महालक्ष्मी का सहकर्मी था हत्यारोपी
बताया गया है कि मुख्तिरंजन रॉय महालक्ष्मी का सहकर्मी था और हत्या के बाद से फरार था और कर्नाटक पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए ओडिशा में चार टीमें भेजी थीं। महालक्ष्मी का अंतिम कार्य दिवस 1 सितंबर था, और मुख्तिरंजन भी उसी दिन से काम पर आना बंद कर चुका था।
महालक्ष्मी से शादी करना चाहता था आरोपी
आरोपी मुख्तिरंजन रॉय के भाई सत्य रंजन राव ने खुलासा किया है कि मुख्तिरंजन महालक्ष्मी के प्रति अत्यधिक आकर्षित था और उससे शादी करना चाहता था। हालांकि, महालक्ष्मी ने मुख्तिरंजन पर अपहरण का आरोप लगाया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। सत्य रंजन ने बताया कि मुख्तिरंजन उसे बाइक पर लेकर केरल जा रहा था, लेकिन महालक्ष्मी ने उसे अपहरण के आरोप में पकड़वाया और लोगों ने उसे बुरी तरह पीटा। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने भी उसे पीटा और वह 1000 रुपये की रिश्वत देकर छोड़ा गया।
पहले गला दबाया, आत्महत्या दिखाने का प्रयास, फिर टुकड़ों में काटा
उन्होंने कहा कि महालक्ष्मी का भाई और उसके दोस्त भी मुख्तिरंजन को धमकी देते थे। इस गुस्से में आकर उसने महालक्ष्मी का गला दबा दिया। जब उसे उसकी मौत का एहसास हुआ, तो उसने इसे आत्महत्या दिखाने के लिए लटकाने की कोशिश की, लेकिन जब वह ऐसा नहीं कर सका, तो उसने उसके शरीर को टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रख दिया और ओडिशा भाग गया।
महालक्ष्मी कर रही थी ब्लैकमेल
सत्य रंजन ने यह भी आरोप लगाया कि महालक्ष्मी उसे ब्लैकमेल कर रही थी और पैसे मांग रही थी। उसने उसकी एक सोने की चेन, अंगूठी और महंगी मोबाइल फोन ले ली थी, जिससे मुख्तिरंजन पिछले डेढ़ साल से मानसिक रूप से अस्वस्थ था।
व्यवहार से तंग आ चुका था हत्यारोपी
महालक्ष्मी की शादी हो चुकी थी और एक बच्चा भी था, लेकिन वह अलग रहती थी। इस मामले में पुलिस ने मुख्तिरंजन का सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें उसने लिखा है कि मैं उसके व्यवहार से तंग आ चुका था। हमने व्यक्तिगत मामलों पर लड़ाई की और महालक्ष्मी ने मुझ पर हमला किया। उसके कार्य से गुस्साए होकर, मैंने उसे मार दिया।