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सच्चाई सामने लाने और खुदको निर्दोष साबित करने के लिए पॉलीग्राफ, ब्रेन-मैपिंग और नार्को-एनालिसिस टेस्ट से गुजरने को तैयार
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अपराध शाखा को गुजरात में टेस्ट कराने की मंजूरी, आईआईसी ने खुद दी सहमति
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर। भरतपुर कांड में निलंबित आईआईसी दिनाकृष्ण मिश्र पर पॉलीग्राफ टेस्ट होगा। एसडीजेएम कोर्ट ने बुधवार को भरतपुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर-इन-चार्ज (आईआईसी) दिनाकृष्ण मिश्र पर पॉलीग्राफ टेस्ट (झूठ पकड़ने का टेस्ट) करने की अनुमति दी है। मिश्र को 19 सितंबर को भारतीय सेना के मेजर की मंगेतर से कथित यौन उत्पीड़न के मामले में निलंबित किया गया था।
यह कदम अपराध शाखा द्वारा कोर्ट से पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मांगने के बाद आया है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, अपराध शाखा जल्द ही निलंबित आईआईसी दिनाकृष्ण मिश्र को पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए गुजरात के गांधीनगर ले जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, मिश्र ने भरतपुर कांड की सच्चाई को सामने लाने और खुदको निर्दोष साबित करने के लिए पॉलीग्राफ के साथ-साथ ब्रेन-मैपिंग और नार्को-एनालिसिस टेस्ट के लिए भी अपनी सहमति दी है।
कोर्ट के सामने मिश्र ने कहा कि मैं निर्दोष हूं। मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों में मेरी कोई संलिप्तता नहीं है। मुझे नार्को एनालिसिस, पॉलीग्राफ और ब्रेन फिंगर प्रिंटिंग टेस्ट से गुजरने में कोई आपत्ति नहीं है। मैं अपनी मर्जी और स्वेच्छा से सहमति दे रहा हूं।
यह घटनाक्रम और टेस्ट सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ कथित उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के आरोपों की सत्यता की जांच के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
क्राइम ब्रांच ने क्राइम सीन रिक्रिएट किया
इधर, इस मामले में ओडिशा क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने क्राइम सीन को फिर से रिक्रियेट करने के लिए बुधवार सुबह स्टेशन का दौरा किया। क्राइम ब्रांच की टीम ने इस इसके लिए एक फेरो कैमरे का उपयोग किया। इस अवसर पर पीड़ित भी मौजूद थे।
इसके अलावा, क्राइम ब्रांच की जांच टीम ने चंदका रोड पर पाथरगड़िया का दौरा किया, जहां युवकों के एक समूह ने कथित तौर पर घर लौटते समय दंपति के साथ मारपीट की और उन्हें परेशान किया। उल्लेखनीय है कि अपराध शाखा की जांच के अलावा ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
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