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पुलिसकर्मियों और मंगेतर पर लाई डिटेक्टर टेस्ट की योजना
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ओडिशा अपराध शाखा जांच में जुटी, सीसीटीवी की कमी से सत्यापन में परेशानी
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निलंबित पांच पुलिसकर्मियों और मेजर की मंगेतर पर संभावित टेस्ट
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रोड रोमियो के आरोपियों को जमानत पर रिहा किया गया
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महिला पुलिसकर्मी के परिवार का विरोध, निष्पक्ष जांच की मांग
भुवनेश्वर। भारतीय सेना के अधिकारी और उनकी मंगेतर पर हुए कथित हमले में एक नया मोड़ तब आया जब ओडिशा अपराध शाखा ने भरतपुर पुलिस स्टेशन के निलंबित पांच पुलिसकर्मियों और सेना के मेजर की मंगेतर पर लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की योजना बनाई।
खबर है कि उन सभी पुलिसकर्मियों, जो हिरासत में दुर्व्यवहार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, और सेना के मेजर की मंगेतर, जिन पर पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप है, पर यह टेस्ट कराने पर अपराध शाखा विचार कर रही है।
जांच एजेंसी का कहना है कि आरोपों और प्रत्यारोपों को सत्यापित करने के लिए यह पॉलीग्राफ टेस्ट आवश्यक हो सकता है, ताकि मामले का तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचा जा सके।
भरतपुर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरों की गैर-मौजूदगी के कारण सच्चाई का पता लगाना मुश्किल हो रहा है।
वहीं, रोड रोमियो कहे जाने वाले सात अभियुक्त, जिनके कारण यह पूरा विवाद शुरू हुआ, को शनिवार को गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। ये अभियुक्त दो इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्र बताए जा रहे हैं और इन्हें चंदका पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन चार घंटे के भीतर ही जमानत पर छोड़ दिया गया।
इस बीच, निलंबित महिला पुलिसकर्मी के परिवार वालों ने भुवनेश्वर 120 बटालियन कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उनके परिवार वालों ने जांच में पक्षपात का आरोप लगाते हुए उनके निलंबन को रद्द करने की मांग की।
विपक्षी दलों के इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच, अपराध शाखा पर कई वर्गों से जांच को निष्पक्ष तरीके से पूरा करने का दबाव बना हुआ है।