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सुवर्णरेखा नदी खतरे के निशान से ऊपर
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बाढ़ से प्रभावित हैं जलेश्वर, भोगराई, बस्ता और बालीपाल के सैकड़ों गांव
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खतरे के निशान से ऊपर बह रही जलका और बैतरणी नदियां
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किसानों में फसल नुकसान का डर
बालेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। सैकड़ों गांव जलमग्न हो गये हैं। सुवर्णरेखा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। केंद्रीय जल आयोग ने मंगलवार को सूचित किया कि राजघाट में सुवर्णरेखा नदी 10.37 मीटर के स्तर पर बह रही है, जो खतरे के निशान 10.36 मीटर से 0.01 मीटर अधिक है।
सोमवार रात से उत्तरी बालेश्वर जिले में बाढ़ की स्थिति खराब हो गई है, जिससे आसपास के गांव जलमग्न हो गए हैं। अब तक जिले के जलेश्वर, भोगराई, बस्ता और बालीपाल ब्लॉकों के 123 पंचायतों के 324 गांवों पर बाढ़ का असर पड़ा है। बालीपाल ब्लॉक में जमकुंडा में स्लुइस गेट टूटने से निवासियों में भय व्याप्त है, जो पहले से ही भारी बारिश के कारण कृत्रिम बाढ़ से जूझ रहे हैं।
जल संसाधन विभाग की एक टीम ने प्रभावित गांवों का दौरा कर नदी तटबंधों की स्थिति का आकलन किया। हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि, विशेष रूप से धान के खेत, जलमग्न हो गए हैं, जिससे किसानों में फसल के नुकसान का डर पैदा हो गया है।
बस्ता ब्लॉक में जलका नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे बस्ता की 10 पंचायतों और बालेश्वर सदर ब्लॉक की 3 पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बस्ता के मथानी में जलस्तर 6.82 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 6.50 मीटर से काफी अधिक है।
वहीं, ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बैतरणी नदी भी उफान पर है और अखुआपड़ा के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हालांकि, स्थानीय लोगों और अधिकारियों के लिए राहत की बात यह है कि ऊपरी क्षेत्रों में बारिश थम गई है।
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