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राज्य में बेजुबान वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल
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शिकार और बिजली के करंट से हो रही मौतें
भुवनेश्वर। ओडिशा में हाथियों की लगातार हो रही मौतों ने वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सितंबर महीने में ही चार हाथियों की मौत दर्ज की गई है, जिसमें ताजा मामला राउरकेला का है, जहां एक हाथी की मौत संदिग्ध रूप से बिजली के करंट से हुई।
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को सुंदरगढ़ जिले के लाठीकाटा पंचायत के नुआगांव के पास एक जंगल में एक हाथी की हाई टेंशन तार से संपर्क में आने के बाद मौत हो गई। गांववालों द्वारा सूचना देने पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को बरामद किया।
इससे पहले, 4 सितंबर को रायगड़ा के गुनुपुर स्थित चंपापुर गांव के कापाबाड़ा के पास एक मादा हाथी का शव मिला था। हालांकि मौत का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि वह भी बिजली के करंट से मरी हो सकती है।
इसी तरह, 2 सितंबर को भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में स्थित चंदका-डम्पड़ा अभयारण्य के गोडिबरी हाथी प्रशिक्षण केंद्र में इलाज करा रहे तीन वर्षीय बीमार हाथी के बच्चे की मौत हो गई। उसकी तबीयत तब बिगड़ी जब उसके गले में एक पाम कर्नेल फंस गया था, जिससे वह गंभीर रूप से बीमार हो गया था।
उसी दिन, एक और हाथी के बच्चे का शव सिमिलीपाल टाइगर प्रोजेक्ट के जेनाबिल वन क्षेत्र में वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा बरामद किया गया।