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ब्रह्मपुर एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज ने दम तोड़ा
भुवनेश्वर/ब्रह्मपुर। गंजाम जिले में जहरीली शराब कांड में एक और व्यक्ति की मौत हो गई है। इसके साथ ही इस मामले में मृतकों की संख्या बढ़कर तीन हो गई। मृतक की पहचान चिकिटि ब्लॉक के जनासाही निवासी लखमन बेहरा के रूप में हुई है। बेहरा की मौत ब्रह्मपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज के दौरान हुई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मामले में चार अन्य का अभी भी ब्रह्मपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई गई है।
इससे पहले, जेनापुर गांव के जुर बेहरा और लोकनाथ बेहरा की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। कुछ दिन पहले हालत बिगड़ने के बाद लखमन बेहरा को आईसीयू में भर्ती कराया गया था और शनिवार तड़के उनकी मौत हो गई।
जहरीली शराब पीने से बीमार हुए 21 लोगों में से अब तक तीन की मौत हो चुकी है और चार का अभी भी इलाज चल रहा है। बाकी लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
अब तक सात गिरफ्तार
इस जहरीली शराब कांड को लेकर विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार व आबकारी मंत्री के खिलाफ जम कर हमला बोला था। इस घटना के सामने आने के बाद आबकारी विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी थी। इस घटना के सिलसिले में शराब माफिया समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
विधानसभा में भी उठा मौत का मामला
जहरीली शराब कांड में एक और व्यक्ति की मौत का मामला आज विधानसभा में गूंजा। बीजू जनता दल ने इस मुद्दे को फिर से उठाते हुए आवकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन से त्यागपत्र की मांग की। शून्यकाल में विपक्ष के मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार नीति व नैतिकता की बात कह कर सत्ता में आयी। पार्टी ने चुनाव से पूर्व यह भी कहा था कि राज्य में सत्ता में आने के बाद शराब पर रोक लगायी जाएगी। लेकिन सत्ता में आने के बाद अपने वादे को भाजपा भूल चुकी है। अब जहरीले शराब कांड में लोगों की मौत हो रही है। आज एक और व्यक्ति की मौत हो गई है। हम पहले से ही इस मामले में नैतिकता के आधार पर आवकारी मंत्री से त्याग पत्र देने की मांग करते आ रहे हैं। आज फिर से वह मांग हम दोहरा रहे हैं। उन्हें शीघ्र अपने पद से त्यागपत्र देना चाहिए।
जहरीली शराब से अब तक 231 की मौत – आबकारी मंत्री
साल 1992 से अब तक राज्य में जहरीली शराब पीने के कारण कुल 231 लोगों की मौत हुई है। राज्य के आवकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने विधानसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 1992 में कटक में सबसे ज्यादा 134 लोगों की मौत हुई थी। 2012 में, भुवनेश्वर के पास तुकुलीपाड़ा में 41 लोगों की मौत हो गई थी। 2001 में पुरी में 20 लोगों की जानें गई थी, जबकि 2006 में गंजाम जिले में 19 लोगों की मौत हुई थी।