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राजधानी भुवनेश्वर में हैं 50 हजार से 60 हजार घुसपैठिए – भारत रक्षा मंच
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23 को भारत रक्षा मंच करेगा आंदोलन
भुवनेश्वर। ओडिशा में करीब 4 से 5 लाख बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए रह रहे हैं। उनकी तत्काल पहचान कर उन्हें मिल रही विभिन्न सरकारी सुविधाओं और अवसरों को तत्काल समाप्त किया जाए तथा उन्हें वापस उनके देश में भेजा जाए। भारत रक्षा मंच ने यह मांग की।
यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भारत सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय महासचिव डॉ अशोक आचार्य ने कहा कि भारत में अस्थिरता पैदा करने वाले कुछ अंतर्राष्ट्रीय कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को ओडिशा समेत भारत के कई राज्यों में सुनियोजित तरीके से भेज रहे हैं। स्थानीय राजनेताओं की मदद से मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड बनवाये जा रहे हैं। इनके आधार पर वे देश के नागरिकों के समान सभी सुविधाएं व योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
इनमें से अधिकतर लोगों को चोरी, डकैती, हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति पूजा, तस्करी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त देखा गया है। आचार्य ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी राष्ट्रविरोधी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले राजनेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
मौजूदा हालात में जिस तरह से जिहादी विचारधारा वाले संगठन जानबूझकर घुसपैठियों को अपने देशों से निकालकर भारत में दाखिल कर रहे हैं, वह बहुत ही घृणित घटना है।
कुछ नेता और दलाल पहचान पत्र और अन्य सरकारी दस्तावेज़ बनाकर हमारे देश की नागरिकता के लाभ के अवसर पैदा कर रहे हैं। प्रत्येक भारतीय नागरिक को, चाहे वह किसी भी दल से जुड़ा हो, इसका विरोध करना चाहिए। डॉ आचार्य ने चेतावनी दी है कि इन घुसपैठियों के कारण भारत की जनसंख्या में असामान्य परिवर्तन आएगा, साथ ही देश की संपत्ति का वितरण भी होगा और देश के नागरिकों के अधिकार भी बाधित होंगे।
बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान करने के लिए ओडिशा सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए भारत रक्षा मंच आगामी 23 तारीख को राजधानी भुवनेश्वर के लोअर पीएमजी में एक विशाल रैली आयोजित करेगा। डॉ आचार्य ने बड़ी संख्या में संतों, विभिन्न हिंदू संगठनों और राष्ट्रवादी जनता के अन्य वर्गों से इस रैली में भाग लेने का अनुरोध किया है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरंजन पाढ़ी, सुब्रत मिश्रा, मनोज आचार्य, विद्याधर नायक, प्रमोद धल और सुदाम सतपथी समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।