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90 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकी
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इस रथ के निर्माण में सात दशकों का रहा योगदान
भुवनेश्वर। पुरी में विश्वविख्या रथयात्रा के दौरान देवी सुभद्रा के रथ दर्पदलन का निर्माण करने वाले वरिष्ठ रथ बढ़ई कृष्ण चंद्र महाराणा का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। महाराणा, जिन्होंने अपना जीवन वार्षिक रथयात्रा के लिए दर्पदलन रथ बनाने के लिए समर्पित किया था, का निधन मार्कंडेश्वर साही स्थित उनके निवास पर दिल का दौरा पड़ने से हुआ।
महाराणा दर्पदलन रथ के प्रमुख बढ़ई थे और उनके सात दशकों से अधिक के करियर में उन्होंने 70 से अधिक रथ बनाए। इसके अलावा, उन्होंने पांच नवकलेवर समारोहों में भी भाग लिया था, जो भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान सुदर्शन की लकड़ी की मूर्तियों के पुनर्निर्माण का अनुष्ठान है।
उम्र के बावजूद महाराणा सक्रिय बने रहे। हाल ही में संपन्न रथयात्रा में उन्हें रथ खाला में प्रतिदिन रथ निर्माण कार्य की निगरानी करते हुए देखा गया। इसके अलावा उन्होंने पिछले नवकलेवर समारोह के दौरान काकटपुर स्थित देउली मठ का भी दौरा किया था।
महाराणा के निधन से विश्वकर्मा महाराणा, भोई महाराणा और कुमार सेवक समुदाय में एक बड़ी क्षति हुई है, जहां कई कारीगर, बढ़ई और सेवकों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनके योगदान और रथ निर्माण में उनकी विशेषज्ञता को गहरा सम्मान और याद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मोहन मांझी ने व्यक्त किया शोक
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने दर्पदलन रथ के वरिष्ठ बढ़ई कृष्ण चंद्र महाराणा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि दु:ख के साथ सुना कि देवी सुभद्रा के दर्पदलन रथ के प्रमुख बढ़ई कृष्ण चंद्र महाराणा का निधन हो गया। मैं शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और भगवान जगन्नाथ से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं। इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।