Home / Odisha / महानदी में बाढ़ का खतरा,  10 जिलों को सतर्क रहने के निर्देश

महानदी में बाढ़ का खतरा,  10 जिलों को सतर्क रहने के निर्देश

  • हीराकुद का और छह गेट खुला, 5.78 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह

  • निचले इलाकों पर विशेष ध्यान देने की सलाह

भुवनेश्वर। हीराकुद के और छह गेट खोले जाने से महानदी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। महानदी में मुंडली के पास 5.78 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह होने के साथ विशेष राहत आयुक्त कार्यालय ने शुक्रवार को ओडिशा के 10 जिलों के कलेक्टरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

ये जिले हैं संबलपुर, सोनपुर, नयागढ़, अनुगूल, बौध, पुरी, खुर्दा, कटक, जगतसिंहपुर और केंद्रापड़ा। इन जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। जलमग्न सड़कों, पुलों और जलमग्न रास्तों पर प्रवेश पर प्रतिबंधित करने को कहा गया है। किसी भी अप्रिय घटना की तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।

जल संसाधन विभाग ने मुंडली में महानदी में पानी के प्रवाह में महत्वपूर्ण वृद्धि की सूचना दी थी। सुबह 6 बजे तक मुंडली में 5.87 लाख क्यूसेक पानी बह रहा था, जो 8 बजे तक घटकर 5.78 लाख क्यूसेक हो गया।

इस बीच, महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद हीराकुद बांध से और अधिक बाढ़ का पानी छोड़ने के लिए छह और स्लूइस गेट खोले गए हैं।

कुल 14 गेट से बाढ़ का पानी का निष्कासन

वर्तमान में बांध के जलाशय के बाईं स्पिलवे पर नौ और दाईं स्पिलवे पर पांच गेट सहित कुल 14 गेट से बाढ़ का पानी छोड़ा जा रहा है। सुबह 6 बजे तक बांध का जलस्तर 612.25 फीट था, जबकि इसकी जलधारण क्षमता 630 फीट है। उस समय 2,86,136 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था।

बाढ़ का कोई खतरा नहीं : जल संसाधन विभाग

ओडिशा जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता भक्ता रंजन महंती ने कहा कि ओडिशा में हालिया बारिश और हीराकुद बांध से बाढ़ का पानी छोड़े जाने के बावजूद राज्य में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। लगातार बारिश के बाद हीराकुद बांध ने 14 गेट खोलकर बाढ़ का पानी छोड़ा है, जिससे ओडिशा की कई नदियों के जल स्तर में वृद्धि हुई है। कोई बाढ़ की स्थिति नहीं है, लेकिन निचले इलाकों में असर हो सकता है। जल संसाधन विभाग ऐसी स्थिति के लिए तैयार है।

निचले इलाकों में जलभराव की संभावना

उन्होंने कहा कि खैरामाल क्षेत्र में जल स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। मुंडली में 5.97 लाख क्यूसेक बाढ़ का पानी पहुंचा था, जिसका शिखर कल था, अब पानी का प्रवाह कम हो रहा है। भार्गवी और दया नदियों के निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है। पुरी जिले के कणास और कटक के बांकी क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। संबंधित अधिकारी पूरी तरह सतर्क हैं।

बैतरनी नदी में जलस्तर बढ़ रहा

दूसरी ओर बैतरनी नदी में जल स्तर बढ़ रहा है, लेकिन भारी बारिश की संभावना नहीं होने के कारण यह धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है। सुवर्णरेखा, बुधाबलंगा और जालाका नदियां खतरे के स्तर से नीचे बह रही हैं।

15 अगस्त तक होगी भारी बारिश, पीली चेतावनी

ओडिशा में 15 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय केंद्र ने शुक्रवार को 9, 10, 13, 14, और 15 अगस्त को उत्तर ओडिशा के कुछ स्थानों के लिए येलो वॉर्निंग जारी की है।

आईएमडी के अनुसार, दक्षिण झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 5.8 और 7.6 किमी की ऊंचाई के बीच एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है।

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *