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पैतृक गांव पात्रपुट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
कोरापुट। पद्मश्री पुरस्कार विजेता कमला पुजारी का अंतिम संस्कार रविवार को कोरापुट जिले के जयपुर में उनके पैतृक गांव पात्रपुट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
जिलाधिकारी कीर्तिवासन वी, पुलिस अधीक्षक अभिनव सोनकर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पद्म पुरस्कार विजेता का अंतिम संस्कार उनके बेटे टंकधर पुजारी ने किया।
परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने उनके निधन को पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया। जैविक खेती और देशी धान की किस्मों के संरक्षण में उनके योगदान के लिए विख्यात कमला पुजारी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण एससीबी में भर्ती कराया गया था। हालांकि, शनिवार को इलाज के दौरान हृदय गति रुकने से इस आदिवासी महिला की मौत हो गई। बाद में उनके पार्थिव शरीर को जयपुर ले जाया गया, जहां से जुलूस के रूप में पूरे शहर में घुमाया गया। उनके गांव में अंतिम संस्कार से पहले सैकड़ों स्थानीय लोगों ने ओडिशा में उनके योगदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उल्लेखनीय है कि कमला पुजारी को कृषि में उनके योगदान और जैविक तरीकों का उपयोग करके लगभग 100 प्रकार के चावल की कटाई के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्हें चावल और अन्य अनाज के बीजों की सैकड़ों देशी किस्मों को संरक्षित करने के अलावा जैविक खेती को बढ़ावा देने और जागरूकता पैदा करके खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के भविष्य में उनके योगदान के लिए जाना जाता है।
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