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गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर चले महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा
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भक्तिभाव से श्रद्धालुओं ने तीनों रथों को खींचा
पुरी। पवित्र बाहुड़ा यात्रा के अवसर पर ‘जय जगन्नाथ’ के जयघोष और झांझ-मृदंग व घंटियों की ध्वनि के बीच महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा आज अपने-अपने रथों पर सवार होकर श्रीगुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर की ओर लौटना शुरू कर दिया है।
अपनी जन्मवेदी श्रीगुंडिचा मंदिर में रहने के बाद नौवें दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा श्रीमंदिर लौटे। बाहुड़ा यात्रा में शामिल होने के लिए राज्य तथा देश के साथ-साथ विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचे हैं।
आज सुबह इस यात्रा के लिए रीति-नीति प्रारंभ हो गयी थीं। सुबह चार बजे मंगल आरती के साथ अन्य नीति संपादित की गईं। इसके बाद गोपाल बल्लभ व खिचड़ी भोग नीति हुई।
इसके बाद चतुर्धा मूर्तियों की पहंडी बिजे की नीति शुरू हुई। सबसे पहले सुदर्शन जी की पहंडी शुरू हुई। इसके बाद भगवान बलभद्र को पहंडी के जरिये तालध्वज रथ पर लाया गया। इसके बाद माता सुभद्रा को पहंडी के जरिये दर्पदलन पर लाया गया। सबसे अंत में जगन्नाथ जी पहंडी के जरिये नंदीघोष रथ में विराजमान हुए। इस दौरान चारों और हरि बोल व जय जगन्नाथ की ध्वनी गूंज रही थी।
पुरी के गजपति महाराज ने तीनों रथ पर छेरा पहंरा की नीति संपादित की। इसके बाद तीनों रथों को खिंचने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई।
हालांकि शाम चार बजे से रथों को खिंचने की प्रक्रिया शुरू करने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया था, लेकिन समय पर सारे अनुष्ठान समाप्त होने के कारण चार बजे से पहले ही रथों का खिंचना प्रारभ हो गया। सबसे पहले भगवान बलभद्र के रथ को खिंचने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद माता सुभद्रा का रथ दर्पदलन व अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ नंदिघोष के खिंचने की प्रक्रिया शुरु हुई। खबर लिखे जाने तक भगवान बलभद्र और सुभद्रा का रथ सिंहद्वार के पास पहुंच गये थे। महाप्रभु श्री जगन्नाथ का रथ श्रीनर के पास पहुंचा था। अंधेरा होने के कारण रथों की आगे नहीं खिंचा गया। कल फिर से रथों को खिंचा जायेगा।
प्रशासन ने बाहुड़ा यात्रा को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए थे। सुरक्षा को लेकर भी उपाय किए गए थे। यात्रा के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बाहुड़ा यात्रा के लिए 180 प्लाटून पुलिस बल तैनात किए गए हैं। आरएएफ की तीन कंपनियों के अलावा सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की गई हैं। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की आठ टीमें तैनात की गई हैं। पूरा शहर सीसीटीवी से कवर है और एआई भी अच्छे से काम कर रहा है।