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केंद्रीय मंत्री के गढ़ में पूर्व सांसद रवींद्र जेना की प्यारभरी सेंध

  • लाकडाउन में सेवा कर लोगों के दिल-दिगाम पर छाये

  • पूर्व सांसद रवींद्र जेना ने जनसेवा में झोंकी ताकत

  • कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए दिन-रात एक किया

  • प्रशासन से लेकर जनता तक के लिए कुछ न कुछ मदद की

गोविंद राठी, बालेश्वर

केंद्रीय मंत्री प्रताप षड़ंगी के गढ़ में पूर्व सांसद रवींद्र जेना ने प्यारभरी सेंध लगायी है. लाकडाउन के दौरान अपनी सेवा की बदौलत वह लोगों के दिलों और दिगाम में छा गये हैं.

पूरे विश्व में कोरोना वायरस के चलते अफरातफरी मची हुई है. लॉकडाउन ने काम-धंधे पर ब्रेक लगा दिया है. भारत में भी पिछले कई दिनों से लॉकडाउन जारी होने के कारण विभिन्न वर्ग के लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. बालेश्वर जिले में भी यही हाल है. लोगों की रोजी-रोटी का जरिया ठप पड़ गया है और बाहरी राज्यों में कमाने वाले बेटे भी लौटकर घर आ रहे हैं. जिले में आम जनता सरकार के आदेश का पालन कर अपने घरों में ही बंद रह रही है. कुछ लोगों का गुजारा होना मुश्किल हो गया है.

इन लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं यहां के पूर्व सांसद तथा बीजद के जिला अध्यक्ष रवींद्र कुमार जेना. लोगों की सेवा में वह दिन-रात एक किये हुए हैं. अपने पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ताओं को साथ लेकर वह जिले में एक बड़ी सेवा जरूरतमंदों की कर रहे हैं. उनके प्रयास से शहर के अखबार विक्रेता से लेकर गरीब तबके के लोगों के घर-घर राशन वितरण किया गया है.

लाकडाउन में उन्होंने 125 से ज्यादा अखबार बेचने वालों की तरफ उन्होंने मदद का हाथ बढ़ाया है. जरूरत की सामग्री मुहैया करायी है. इसके बाद बालेश्वर रेल स्टेशन पर निर्भरशील रहने वाले करीब 36 टैक्सी ड्राइवर को उन्होंने राशन मुहैया कराया है. साथ ही जिले के विभिन्न ऑटो चालकों को भी उन्होंने सहायता का हाथ बढ़ाया. जिले के करीब 700 ऑटो चालकों को उन्होंने राशन मुहैया करवाया.

कोरोना के चलते सरकारी निर्देश पर सभी सैलूनों को बंद रखा गया है. ऐसी स्थिति में उन्होंने जिले के करीब 100 सैलून वालों को राशन मुहैया करवाया. इसके साथ स्टेशन पर काम करने वाले 50 कुली एवं करीब 500 रिक्शा चालक सहित बस स्टैंड एवं ट्रैक्टर स्टैंड के 70 हॉकर सहित हिंद मजदूर सभा के करीब 60 सदस्यों को उन्होंने सहायता प्रदान की है.

इतना ही नहीं, जिला प्रशासन से उन्होंने यहां के नौसी बिजनेस पार्क को आइसोलेशन सेंटर एवं अस्पताल में तब्दील करने के लिए आग्रह किया गया था. उनके प्रयास से यहां 300 से ज्यादा बेड का आइसोलेशन सेंटर खोला गया है. इतना ही नहीं, वे निरंतर राज्य सरकार से संपर्क में रहकर लोगों को होने वाली मुश्किलों से अवगत करवाते हुए उसका समाधान भी निकाल रहे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग पर पैदल चलकर जा रहे श्रमिकों के लिए भी उन्होंने खाने की सामग्री उपलब्ध करवाई एवं लखन नाथ बॉर्डर पर ज्यादा हेल्प डेस्क खोलने का भी निवेदन जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से किया. दिन हो या रात, जब भी उनके पास मदद की सूचना पहुंचती है तो वे लोगों की सेवा के लिए निकल पड़ते हैं. जेना की इस छवि आम लोगों में चर्चा का विषय बन गयी है. जहां भी देखिए लोग उनकी चर्चा करते हुए देखे जा रहे हैं. जेना ने भी कहा है कि जब तक लाकडाउन जारी रहेगा, तब तक वह जनता की सेवा करते रहेंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में भी 2 लाख 29 हजार 839 रुपये कि सहायता राशि प्रदान की. पूर्व सासंद जेना के निर्देश पर जिला बीजू छात्र जनता दल द्वारा निरंतर असाहय लोगों के लिए पका खाना एवं मास्क मुहैया करवाया जा रहा है.

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