Home / Odisha / पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा सोमवार को

पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा सोमवार को

  • श्रीगुंडिचा मंदिर में रविवार शाम 5 बजे होंगे दर्शन

  • तीनों रथों को दक्षिण दिशा की ओर मोड़ा गया

  • नीतियों में देरी से भक्तों को समय पर नहीं मिल रही है महाप्रसाद

पुरी। महाप्रभु श्री जगन्नाथ की बाहुड़ा यात्रा सोमवार को आयोजित होगी। इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो गयी हैं। नौ दिवसीय रथयात्रा पर मौसी के घर पहुंचे भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा व भगवान श्री जगन्नाथ वर्तमान में श्रीगुंडिचा मंदिर के अढ़प मंडप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। हालांकि सोमवार को आयोजित होने वाली बाहुड़ा यात्रा की तैयारियों के लिए कल शाम 5 बजे से श्रीगुंडिचा मंदिर में भगवान के दर्शन बंद कर दिए जाएंगे। यह जानकारी पुरी जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वाईं ने दी है।

इधर, महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को दक्षिण दिशा की ओर मोड़ दिया गया है। इससे पहले आज्ञा बिजे माला की नीति पूरी की गयी। बाहुड़ा रथयात्रा को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं।

इधर, खबर है कि गुंडिचा मंदिर में अढ़प मंडप में अनुष्ठानों के पूरा होने में अत्यधिक देरी के कारण भक्तों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। आज शनिवार को भी स्थिति में कथित तौर पर कोई सुधार नहीं हुई।

हालांकि भगवान श्री जगन्नाथ का महाप्रसाद पुरी में भक्तों द्वारा सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला भोजन है, लेकिन कथित तौर पर गुंडिचा मंदिर में अढ़प मंडप में अनुष्ठानों में देरी के कारण यह उनकी थाली तक नहीं पहुंच पा रहा है।

मंगला आलती और गोपाल बल्लभ जैसे अनुष्ठानों में देरी के कारण शुक्रवार की तरह आज भी खबर लिखे जाने तक महाप्रसाद भक्तों को समय पर उपलब्ध होने की संभावना नहीं थी।

इसके अलावा, गुंडिचा मंदिर में देवताओं के अढ़प दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त लंबी कतारों में इंतजार कर रहे थे।

एक भक्त ने कहा कि हम देवताओं के दर्शन के लिए सुबह से ही लंबी कतार में इंतजार कर रहे हैं। अनुष्ठान पूरा होने में देरी के कारण उमस भरी परिस्थितियों में हमारे पास अपनी बारी का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

खबरों के अनुसार, शुक्रवार को अनुष्ठान पूरा होने में अत्यधिक देरी के कारण भक्तों को समय पर बड़ी मात्रा में महाप्रसाद उपलब्ध नहीं कराया जा सका।

सूत्रों के अनुसार, ‘सकाल धूप’ रस्म में देरी हुई और यह दोपहर करीब 12.45 बजे पूरी हुई। इसके बाद, पहला ‘भोग मंडप’ करीब 3 बजे पूरा हुआ। नतीजतन, कल शाम 4 बजे ही महाप्रसाद उपलब्ध कराया जा सका।

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